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हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी और एडीजी के सीडीआर सुरक्षित रखने की मांग की खारिज - Additional Chief Secretary

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी और एडीजी के कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स को सुरक्षित रखने की मांग को खारिज कर दिया है.

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Published : Sep 2, 2022, 9:41 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने (Lucknow Bench of High Court) तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी महिला सेल, पुलिस कमिश्नर लखनऊ समेत गोमती नगर और हजरतगंज के पुलिस अधिकारियों के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स) सुरक्षित रखने की मांग सम्बंधी याचिका को खारिज कर दिया है. तथाकथित रेप पीड़िता और उसके साथी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आत्मदाह करने के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने खुद को झूठा फंसाए जाने का दावा करते हुए, ट्रायल कोर्ट के समक्ष यह मांग की थी. जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस पर उन्होंने वर्तमान याचिका दाखिल की, जिसे न्यायालय ने खारिज करने के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट को जल्द से जल्द मामले की सुनवाई पूरी करने के भी निर्देश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अमिताभ ठाकुर की याचिका पर पारित किया. याची का कहना था कि अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी समेत कुल 18 अधिकारियों ने तथाकथित रेप पीड़िता व उसके साथी के आत्मदाह के मामले में उन्हें झूठा फंसाने के लिए साजिश की. मांग की गई थी कि 27 अगस्त 2021 की सुबह पांच बजे से मध्य रात्रि तक के उक्त अधिकारियों के कॉल डिटेल सुरक्षित रखे जाएं.

यह भी पढ़ें: संविदाकर्मियों को बहाल न करने के मामले में ACS आयुष और निदेशक होम्योपैथी को अवमानना का नोटिस जारी

ट्रायल कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर की इस मांग को खारिज कर दिया, जिसे उन्होंने चुनौती दी. न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हो सकता है सीडीआर से यह तथ्य सामने ये कि उक्त अधिकारियों ने आपस में एक दूसरे को कॉल किया लेकिन इससे यह नहीं सिद्ध हो जाएगा कि याची को झूठा फंसाया गया है.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने (Lucknow Bench of High Court) तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी, एडीजी महिला सेल, पुलिस कमिश्नर लखनऊ समेत गोमती नगर और हजरतगंज के पुलिस अधिकारियों के सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स) सुरक्षित रखने की मांग सम्बंधी याचिका को खारिज कर दिया है. तथाकथित रेप पीड़िता और उसके साथी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आत्मदाह करने के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने खुद को झूठा फंसाए जाने का दावा करते हुए, ट्रायल कोर्ट के समक्ष यह मांग की थी. जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इस पर उन्होंने वर्तमान याचिका दाखिल की, जिसे न्यायालय ने खारिज करने के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट को जल्द से जल्द मामले की सुनवाई पूरी करने के भी निर्देश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अमिताभ ठाकुर की याचिका पर पारित किया. याची का कहना था कि अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी समेत कुल 18 अधिकारियों ने तथाकथित रेप पीड़िता व उसके साथी के आत्मदाह के मामले में उन्हें झूठा फंसाने के लिए साजिश की. मांग की गई थी कि 27 अगस्त 2021 की सुबह पांच बजे से मध्य रात्रि तक के उक्त अधिकारियों के कॉल डिटेल सुरक्षित रखे जाएं.

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ट्रायल कोर्ट ने अमिताभ ठाकुर की इस मांग को खारिज कर दिया, जिसे उन्होंने चुनौती दी. न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हो सकता है सीडीआर से यह तथ्य सामने ये कि उक्त अधिकारियों ने आपस में एक दूसरे को कॉल किया लेकिन इससे यह नहीं सिद्ध हो जाएगा कि याची को झूठा फंसाया गया है.

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