लखनऊ: बलरामपुर में हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्य अभियुक्त मोहिउद्दीन की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने घटना को जघन्य बताते हुए कहा कि यह मामला जमानत स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अभियुक्त मोहिउद्दीन की जमानत याचिका को खारिज करते हुए आदेश पारित किया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि, 24-25 फरवरी 2019 की रात में अभियुक्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर रेहरा बाजार थाना क्षेत्र निवासी जगराम उसके बेटे राजू और बेटी लाली की हत्या कर दी थी. इस दौरान जगराम की पत्नी भी अभियुक्तों के जानलेवा हमले में घायल हुई थी. हालांकि, उसकी जान बच गई. दलील दी गई कि याची इस मामले का मुख्य अभियुक्त है. लिहाजा न्यायालय ने मामले की परिस्थितियों को देखने के उपरांत अभियुक्त की जमानत याचिका को खारिज कर दिया.
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जाहिर है कि इस तिहरे हत्याकांड मामले में अभियुक्त मोहिउद्दीन पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. तब पुलिस ने उसे मुम्बई के शिवाजी नगर से गिरफ्तार किया था. मामले में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है. घटना के सभी अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.