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हिन्दू बनकर नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने हिंदू बनकर और बहला-फुसलाकर नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

Lucknow Bench of High Court
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : May 18, 2022, 10:02 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने नाम बदल कर नाबालिग हिन्दू लड़की को बरगला कर दुराचार करने के विवाहित अभियुक्त की जमानत याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने न सिर्फ अपनी पत्नी व परिवार को धोखा दिया बल्कि एक नाबालिग लड़की के विश्वास को भी तोड़ा है, जो कि उसके झांसे में आकर शादी के लिए तैयार हो गई थी. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अनवर अली की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया.

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अभियुक्त को अम्बेडकर नगर जनपद के महरूआ थाने में आईपीसी की धारा 363, 366 व 376 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 3/5 के तहत एफआईआर दर्ज कर के जेल भेजा गया है. सरकारी अधिवक्ता के अनुसार हिन्दू यूवती का सम्पर्क सोशल मीडिया के जरिये अभियुक्त से हुआ था. अभियुक्त ने पीड़िता को अपना नाम राज बताया और उसे अपने प्रेम के झांसे में फांस लिया. प्राथमिकी के मुताबिक पीड़िता की आयु 13 वर्ष बताई गई, जबकि मेडिकल व शैक्षिक दस्तावेजों के अनुसार उसकी आयु 16 वर्ष है. कहा गया कि अभियुक्त उक्त लड़की का धर्म परिवर्तन कराके उसके साथ निकाह करना चाहता था. इसके लिए वह पीड़िता को अपने साथ भगा ले गया था. धर्म परिवर्तन के प्रयास के कारण ही अभियुक्त की सच्चाई सामने आई. न्यायालय ने कहा कि पीड़िता की उम्र को देखते हुए, अभियुक्त को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने नाम बदल कर नाबालिग हिन्दू लड़की को बरगला कर दुराचार करने के विवाहित अभियुक्त की जमानत याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने न सिर्फ अपनी पत्नी व परिवार को धोखा दिया बल्कि एक नाबालिग लड़की के विश्वास को भी तोड़ा है, जो कि उसके झांसे में आकर शादी के लिए तैयार हो गई थी. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अनवर अली की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया.

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अभियुक्त को अम्बेडकर नगर जनपद के महरूआ थाने में आईपीसी की धारा 363, 366 व 376 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 3/5 के तहत एफआईआर दर्ज कर के जेल भेजा गया है. सरकारी अधिवक्ता के अनुसार हिन्दू यूवती का सम्पर्क सोशल मीडिया के जरिये अभियुक्त से हुआ था. अभियुक्त ने पीड़िता को अपना नाम राज बताया और उसे अपने प्रेम के झांसे में फांस लिया. प्राथमिकी के मुताबिक पीड़िता की आयु 13 वर्ष बताई गई, जबकि मेडिकल व शैक्षिक दस्तावेजों के अनुसार उसकी आयु 16 वर्ष है. कहा गया कि अभियुक्त उक्त लड़की का धर्म परिवर्तन कराके उसके साथ निकाह करना चाहता था. इसके लिए वह पीड़िता को अपने साथ भगा ले गया था. धर्म परिवर्तन के प्रयास के कारण ही अभियुक्त की सच्चाई सामने आई. न्यायालय ने कहा कि पीड़िता की उम्र को देखते हुए, अभियुक्त को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

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