लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने समाजवादी पार्टी के 69 कार्यकर्ताओं को निजी मुचलके दाखिल करने पर शनिवार तक रिहा करने का आदेश दिया है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को 14 दिसम्बर को किसानों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन करने के दौरान कैसरबाग बारादरी से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके ईको गार्डन ले जाया गया था. यहां से बाद में उन्हें जिला जेल भेज दिया गया था.
निजी मुचलके पर 69 कार्यकर्ताओं को रिहा करने का आदेश
न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय व न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने समाजवादी अधिवक्ता सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार यादव द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर कार्यकर्ताओं को निजी मुचलके दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया.
सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब
याची के वकील बीएम सहाय व संतोष यादव वारसी का कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि इन 69 बंदियेां को आज तक कोर्ट में नहीं पेश किया गया. जबकि कानूनन पुलिस उन्हें 24 घंटे से अधिक निरूद्ध नहीं रख सकती है. तर्क दिया गया कि पुलिस राजनीतिक कारणों से बंदियों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखे हुए है. याची की मांग थी कि सभी बंदियों को तत्काल रिहा किया जाए. मामले की परिस्थितियों पर गौर करने के बाद न्यायालय ने सभी बंदियों को निजी मुचलके दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश जारी कर दिया. न्यायालय ने सरकार को चार सप्ताह में याचिका का जवाब दाखिल करने को कहा है. न्यायालय ने कहा कि जवाब आने के बाद वह बंदियों को क्षतिपूर्ति दिलाने पर विचार करेगा.