लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक होमगार्ड को फर्जी मुकदमे में फंसाने के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए उसे दो लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश हरदोई के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को दिया है. इसी के साथ न्यायालय ने होमगार्ड के खिलाफ चल रहे मुकदमे को भी खारिज कर दिया है. न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह मामला किसी को झूठा फंसाए जाने का श्रेष्ठ उदाहरण है.
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने होमगार्ड राम गोपाल गुप्ता की याचिका पर पारित किया. याची पर आरोप था कि वह लोनार थानांतर्गत नो एंट्री प्वाइंट पर तैनात था. इस दौरान उसने ट्रक चालकों से अवैध उगाही की. जिसका वीडियो वायरल होने पर इलाके के सब इंस्पेक्टर ऋषि कपूर ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से तीस रुपये बरामद किए. याची की ओर से दलील दी गई कि उसके खिलाफ दर्ज यह एक ऐसा अनूठा केस है, जिसमें पीड़ित का कोई पता नहीं है. विवेचना के दौरान अवैध धन उगाही का कोई भी पीड़ित नहीं मिला, जिसने याची द्वारा पैसा लेने की पुष्टि की हो.
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यह भी दलील दी गई कि जिस कथित वायरल वीडियो के आधार पर वर्तमान मामला याची के विरुद्ध चलाया गया, उसे केस डायरी का हिस्सा नहीं बनाया गया है. रिकॉर्ड पर कथित वीडियो कहीं नहीं है. वहीं, न्यायालय के आदेश पर हाजिर हुए सीओ, हरपालपुर, हरदोई विनोड कुमार दूबे ने सफाई दी कि विवेचना के दौरान कोई पीड़ित नहीं मिला. तब विवेचनाधिकारी ने वादी सब इंस्पेक्टर के बयान और याची की बयान के आधार पर आरोप पत्र दाखिल कर दिया.
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि प्रस्तुत मामले में न तो कोई पीड़ित है और न ही कथित वीडियो अथवा फोटोग्राफ, सिर्फ कल्पना के आधार पर किसी के खिलाफ अभियोजन नहीं चलाया जा सकता. न्यायालय ने आगे कहा कि आरोप पत्र को बहुत ही लापरवाही से दाखिल भी कर दिया गया.
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