लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या जनपद के चर्चित दलित शिक्षक व पूर्व प्रधान दुष्यंत कुमार हत्याकांड मामले में मुख्य अभियुक्त व अमौनी गांव के प्रधान संतोष सिंह की अपील मंजूर करते हुए विशेष अदालत के जमानत नामंजूरी के आदेश को निरस्त कर दिया है. न्यायालय ने अभियुक्त को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने संतोष कुमार सिंह की अपील को मंजूर करते हुए पारित किया है.
अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव की दलील थी कि मामला अयोध्या के महाराजगंज थाने का है. अभियुक्त पर आरोप है कि खलिहान की जमीन पर एनम सेंटर बनवाने में बाधा बनने पर उसने 10 अप्रैल 2023 को पूर्व प्रधान दुष्यंत कुमार की हत्या करवा दी. दलील दी गई कि अभियोजन पक्ष ने स्वयं स्वीकार किया है कि अभियुक्त घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं था और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के शरीर के किसी भी नाजुक अंग पर चोटें नहीं आई हैं. कहा गया कि मृतक (शिक्षक) की मृत्यु भी घटना के अगले दिन अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी. यह भी दलील दी गई कि मृतक के पुत्र व भाई को घटना का प्रत्यक्षदर्शी बताया गया है जबकि मृतक को बचाने के लिए उन्होंने क्या किया, यह अभियोजन पक्ष स्पष्ट नहीं कर सका है.
अपील का राज्य सरकार व वादी के अधिवक्ताओं ने विरोध किया. कहा गया कि अभियुक्त को पूर्व प्रधान की हत्या की साजिश रचते, गवाह ने सुना था और उसने पुलिस के समक्ष इसकी पुष्टि भी की है. हालांकि न्यायालय ने सभी पक्षों की बहस सुनने के उपरांत अपील को मंजूर कर लिया.
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