लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने शहर में डेंगू मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर राज्य सरकार और नगर निगम की ओर से उठाए गए कदमों को नाकाफी बताया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 11 नवम्बर को नियत करते हुए सरकार व नगर निगम से कहा है कि मच्छरों की समस्या पर शहर में किस प्रकार लगाम लगाई जाए, इस सम्बंध में योजना प्लान बनाकर कोर्ट को अवगत कराएं. न्यायालय ने नगम निगम से कहा कि वह फॉगिंग के काम में तेजी लाए और इसमें कम्युनिटी हेल्प का ध्यान रखें ताकि सही जगह फॉगिंग की जा सके.
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने आशीष कुमार मिश्रा व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया. इससे पहले पीठ ने सरकार व नगर निगम से वेक्टर-जनित रोगों की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासन पर हलफनामा मांगा था. आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता अमिताभ राय व नगर निगम के अधिवक्ता नमित शर्मा ने हलफनामे दाखिल किये जिस पर न्यायालय ने कहा कि हम चाहते हैं कि कागजों के साथ-साथ जमीन पर भी काम होता दिखे. न्यायालय ने कहा कि फॉगिंग के नाम पर केवल औपचारिकता न हो.
उल्लेखनीय है कि मामले की पिछली सुनवाई पर सरकार द्वारा जवाब दिया गया था कि डेंगू, चिकनगुनिया, वायरल बुखार और अन्य वेक्टर जनित रोगों के इलाज के लिए समुचित कदम उठाया जा रहा है और केजीएमयू, राम मनोहर लोहिया समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में दवाओं और बेड की कोई कमी नहीं है और न नही कोई मरीज बिना इलाज वापस भेजा जा रहा है. इस पर न्यायालय ने आश्चर्य जताते हुए कहा था कि जमीनी हकीकत इससे अलग है. न्यायालय ने कहा था कि हम कागज पर सरकारी दावों की परख कर लेते यदि हमारे पास कोई अपनी जांच एजेंसी होती.