लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवैध धर्मांतरण मामले में दर्ज एक एफआईआर की जांच के लिए कर्नाटक के बेंगलुरू भेजे जाने के लखनऊ पुलिस कमिश्नर के आदेश पर रोक लगा दी है. न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब-तलब भी किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने पीड़ित महिला की याचिका पर पारित किया. महिला का कहना था कि उसने अवैध धर्मांतरण समेत मारपीट, उत्पीड़न, जान से मारने की धमकी और अवैध वसूली आदि आरोपों के तहत इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी. लेकिन, पुलिस कमिश्नर ने बेंगलुरू की घटना मानते हुए, मामले की जांच 10 अगस्त को बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर के पास भेज दी.
कमिश्नर के इस आदेश को खारिज करने की मांग करते हुए, महिला की ओर से दलील दी गयी कि मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है और सिर्फ इसलिए कि सम्पूर्ण घटनाक्रम में से कुछेक घटना बेंगलुरू में हुई है, पूरी विवेचना वहां भेजना उचित नहीं है. न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के उपरांत एफआईआर में नामजद अभियुक्तों को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. साथ ही दो सप्ताह में राज्य सरकार को जवाब देने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 27 सितम्बर को होगी.
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