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बच्चों के स्कूल खोले जाने के खिलाफ याचिका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - up government

बच्चों के स्कूल खोले जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने याचिका पर 10 दिनों में सरकार से निर्देश प्राप्त कर पक्ष रखने का आदेश राज्य सरकार के अधिवक्ता को दिया है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Feb 19, 2021, 9:17 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए छोटे बच्चों के स्कूल खोले जाने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है. कहा गया है कि कोविड-19 का खतरा पूरी तरह से खत्म न होने के बावजूद छोटे बच्चों के स्कूल को खोलने का आदेश देना उचित नहीं है. याची के अधिवक्ता ज्यातिरेश पांडेय के मुताबिक न्यायालय ने याचिका पर 10 दिनों में सरकार से निर्देश प्राप्त कर पक्ष रखने का आदेश राज्य सरकार के अधिवक्ता को दिया है.

यह आदेश न्यायाधीश रितुराज अवस्थी व न्यायाधीश मनीष माथुर की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका में सरकार के 5 व 6 फरवरी के दो आदेशों को चुनौती दी गई है. उक्त आदेशों में सभी स्कूलों को खोलने की बात कही गई है. याची की दलील है कि छोटे बच्चों से कोविड से बचाव के नियमों का पालन करने की अपेक्षा करना ठीक नहीं है.

कहा गया कि सरकार के आदेशों में यह भी नहीं है कि यदि केाविड से बचाव के तरीके नहीं अपनाए तो स्कूल के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी. याची का कहना है कि सरकार द्वारा स्कूल खोलने का आदेश जारी करने से पहले यह भी सुनिश्चित नहीं किया गया है कि सरकारी दिशा-निर्देशों का स्कूलों द्वारा भौतिक रूप से धरातल पर अनुपालन किया गया है अथवा नहीं. कहा गया है कि दिशा-निर्देशों में बच्चों के मध्य छह फिट की दूरी रखने का प्रावधान है, जो व्यवहारिक रूप से कक्षाओं में और आवागमन के समय समूह में स्कूल बस, वैन व रिक्शा आदि से आते-जाते समय मुमकिन नहीं है.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए छोटे बच्चों के स्कूल खोले जाने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई है. कहा गया है कि कोविड-19 का खतरा पूरी तरह से खत्म न होने के बावजूद छोटे बच्चों के स्कूल को खोलने का आदेश देना उचित नहीं है. याची के अधिवक्ता ज्यातिरेश पांडेय के मुताबिक न्यायालय ने याचिका पर 10 दिनों में सरकार से निर्देश प्राप्त कर पक्ष रखने का आदेश राज्य सरकार के अधिवक्ता को दिया है.

यह आदेश न्यायाधीश रितुराज अवस्थी व न्यायाधीश मनीष माथुर की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका में सरकार के 5 व 6 फरवरी के दो आदेशों को चुनौती दी गई है. उक्त आदेशों में सभी स्कूलों को खोलने की बात कही गई है. याची की दलील है कि छोटे बच्चों से कोविड से बचाव के नियमों का पालन करने की अपेक्षा करना ठीक नहीं है.

कहा गया कि सरकार के आदेशों में यह भी नहीं है कि यदि केाविड से बचाव के तरीके नहीं अपनाए तो स्कूल के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी. याची का कहना है कि सरकार द्वारा स्कूल खोलने का आदेश जारी करने से पहले यह भी सुनिश्चित नहीं किया गया है कि सरकारी दिशा-निर्देशों का स्कूलों द्वारा भौतिक रूप से धरातल पर अनुपालन किया गया है अथवा नहीं. कहा गया है कि दिशा-निर्देशों में बच्चों के मध्य छह फिट की दूरी रखने का प्रावधान है, जो व्यवहारिक रूप से कक्षाओं में और आवागमन के समय समूह में स्कूल बस, वैन व रिक्शा आदि से आते-जाते समय मुमकिन नहीं है.

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