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सन हॉस्पिटल मामला: हाईकोर्ट में अगले हफ्ते तक के लिए सुनवाई टाली - हाईकोर्ट

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ऑक्सीजन खत्म होने की झूठी अफवाह फैलाने के आरोपी सन हॉस्पिटल के मामले में सुनवाई अगले हफ्ते तक के लिए टाल दी है.

हाईकोर्ट लखनऊ बेंच.
हाईकोर्ट लखनऊ बेंच.
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Published : May 21, 2021, 9:22 PM IST

लखनऊ: गोमती नगर स्थित सन हॉस्पिटल की याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अगले सप्ताह सुनवाई होगी. सन हॉस्पिटल पर ऑक्सीजन खत्म होने की झूठी सूचना फैलाने का आरोप है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में हॉस्पिटल के अधिवक्ता के कनेक्ट न हो पाने के कारण याचिका को अगले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने सन हॉस्पिटल की याचिका पर दिया.

याची पक्ष का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन के बावत सूचना देने के कारण उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. उक्त नोटिस का जवाब याची की ओर से 5 मई को दे दिया गया, लेकिन अधिकारियों ने जवाब की कोई रिसीविंग उसे प्राप्त नहीं कराई. कहा गया कि 1 व 2 मई को याची हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की कोई सप्लाई नहीं की गई थी और जिला प्रशासन द्वारा पूरी तरह से गलत बयान दिया गया है कि हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की सप्लाई की गई थी.

पढ़ें: उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस महामारी घोषित

कहा गया कि याची के जवाब पर संज्ञान न लेते हुए उसके खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि याची अपना स्टॉक रजिस्टर भी दाखिल करने को तैयार है. वहीं, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याची द्वारा एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट याची के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने पर 11 मई को ही रोक लगा चुका है. हालांकि याची के अधिवक्ता के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न जुड़ पाने के कारण न्यायालय ने मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई का आदेश दिया है.

लखनऊ: गोमती नगर स्थित सन हॉस्पिटल की याचिका पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अगले सप्ताह सुनवाई होगी. सन हॉस्पिटल पर ऑक्सीजन खत्म होने की झूठी सूचना फैलाने का आरोप है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में हॉस्पिटल के अधिवक्ता के कनेक्ट न हो पाने के कारण याचिका को अगले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने सन हॉस्पिटल की याचिका पर दिया.

याची पक्ष का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन के बावत सूचना देने के कारण उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है. उक्त नोटिस का जवाब याची की ओर से 5 मई को दे दिया गया, लेकिन अधिकारियों ने जवाब की कोई रिसीविंग उसे प्राप्त नहीं कराई. कहा गया कि 1 व 2 मई को याची हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की कोई सप्लाई नहीं की गई थी और जिला प्रशासन द्वारा पूरी तरह से गलत बयान दिया गया है कि हॉस्पिटल को ऑक्सीजन की सप्लाई की गई थी.

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कहा गया कि याची के जवाब पर संज्ञान न लेते हुए उसके खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि याची अपना स्टॉक रजिस्टर भी दाखिल करने को तैयार है. वहीं, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याची द्वारा एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट याची के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने पर 11 मई को ही रोक लगा चुका है. हालांकि याची के अधिवक्ता के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न जुड़ पाने के कारण न्यायालय ने मामले पर अगले सप्ताह सुनवाई का आदेश दिया है.

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