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केंद्र के सामाजिक न्याय मंत्रालय के सचिव को अवमानना का नोटिस होगा जारी

केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के सचिव (secretary) को अवमानना का नोटिस हाईकोर्ट लखनऊ बेंच (high court lucknow bench) ने जारी करने को कहा है. हाईकोर्ट ने उनसे पूछा कि आपने कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया.

हाईकोर्ट लखनऊ बेंच.
हाईकोर्ट लखनऊ बेंच.
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Published : Jun 1, 2021, 8:56 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के सचिव आर सुब्रमणयम को अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया है. न्यायालय ने सचिव को आदेश दिया है कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि कोर्ट के आदेश का उन्होंने पालन क्यों नहीं किया. यह आदेश न्यायमूर्ति रविनाथ तिलहरी की एकल पीठ ने अमेठी जनपद के बाबा रामनाथ शिक्षा निकेतन प्राथमिक पाठशाला की याचिका पर दिया.

याची का कहना है कि उसे वर्ष 2017-18 का अनुदान नहीं जारी किया गया, जबकि याची संस्थान द्वारा सभी शर्तें पूरी करने के उपरांत राज्य सरकार की ओर से अनुदान जारी करने के संबंध में सिफारिश कर दी गई थी. अनुदान न जारी होने पर उसने कई प्रत्यावेदन सचिव को भेजे, लेकिन उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. इसके बाद याची ने रिट याचिका दाखिल की. रिट याचिका पर न्यायालय ने सचिव को छह सप्ताह में याची के प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया.

पढ़ें: केस दर्ज होते ही बेवजह गिरफ्तारी मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन: हाईकोर्ट

याची का कहना था कि आदेश की जानकारी सचिव को रजिस्टर्ड डाक से भेज दी गई थी. छह सप्ताह बीतने के बावजूद अब तक निर्णय नहीं लिया गया. याचिका में इस आधार पर सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चलाए जाने की मांग की गई है. मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

लखनऊ: केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के सचिव आर सुब्रमणयम को अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया है. न्यायालय ने सचिव को आदेश दिया है कि वह व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि कोर्ट के आदेश का उन्होंने पालन क्यों नहीं किया. यह आदेश न्यायमूर्ति रविनाथ तिलहरी की एकल पीठ ने अमेठी जनपद के बाबा रामनाथ शिक्षा निकेतन प्राथमिक पाठशाला की याचिका पर दिया.

याची का कहना है कि उसे वर्ष 2017-18 का अनुदान नहीं जारी किया गया, जबकि याची संस्थान द्वारा सभी शर्तें पूरी करने के उपरांत राज्य सरकार की ओर से अनुदान जारी करने के संबंध में सिफारिश कर दी गई थी. अनुदान न जारी होने पर उसने कई प्रत्यावेदन सचिव को भेजे, लेकिन उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. इसके बाद याची ने रिट याचिका दाखिल की. रिट याचिका पर न्यायालय ने सचिव को छह सप्ताह में याची के प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का आदेश दिया.

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याची का कहना था कि आदेश की जानकारी सचिव को रजिस्टर्ड डाक से भेज दी गई थी. छह सप्ताह बीतने के बावजूद अब तक निर्णय नहीं लिया गया. याचिका में इस आधार पर सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही चलाए जाने की मांग की गई है. मामले की अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी.

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