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जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराए चुनाव आयोग: हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश में 3 जुलाई को 53 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने चुनाव आयोग को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच
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Published : Jul 1, 2021, 10:04 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीतापुर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सपा प्रत्याशी की याचिका पर चुनाव आयोग को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने प्रत्याशी अनीता की याचिका पर पारित किया.

याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसके कालिया व अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने दलील दी कि सत्ताधारी दल की प्रत्याशी श्रद्धा सागर के पक्ष में चुनाव प्रभावित करने के लिए अन्य प्रत्याशियों व उनके रिश्तेदारों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं. आशंका व्यक्त की गई कि इन परिस्थितियों में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है. याची की ओर से मांग की गई कि कोर्ट से एक ऑब्जर्वर की तैनाती की जाए, जो पूरे चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करे.

वहीं याचिका पर जवाब देते हुए चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एक आईएएस अधिकारी सुशील कुमार पटेल को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जा चुका है व 25 जून को चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने के आदेश आयोग द्वारा दे दिये गए हैं. हालांकि याची के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि जमीनी स्तर पर इन कार्यवाहियों का कोई पता नहीं है. वहीं भाजपा प्रत्याशी की ओर से पेश अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने दलील दी कि चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बात रखे बिना ही वर्तमान याचिका दाखिल कर दी गई है.

इसे भी पढ़ें:- बिकरू कांड: खुशी दुबे की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चुनाव आयोग को नियमों का सख्ती से पालन करते हुए निष्पक्ष चुनाव कराने के आदेश दिये. साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई तक चुनाव आयोग को इस संबंध में रिपोर्ट भी पेश करने के आदेश दिये हैं. न्यायालय ने यह भी कहा है कि वह चुनाव प्रभावित करने के मुद्दे पर सुनवाई कर सकता है. मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी.

इन जिलों में निर्विरोध निर्वाचित हुए सदस्य
बता दें कि यूपी में 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना है. 22 जिलों के पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं. इनमें 21 भाजपा और एक (इटावा) सपा का है. शेष 53 जिलों के लिए 3 जुलाई को मतदान और मतगणना होगी. सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर के परिणाम आ गए हैं. बाकी के 53 जिलों में तीन जुलाई को सुबह 11 बजे से तीन बजे तक मतदान होगा.

वहीं एक और याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को होने वाले प्रयागराज जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मतदान व मतगणना की वीडियोग्राफी कराने का आदेश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी. सपा प्रत्याशी मालती यादव ने मतदान व मतगणना की वीडियोग्राफी कराने की मांग में याचिका दाखिल की थी. याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने की.

इसे भी पढ़ें:- वर्चुअल सुनवाई भी कोर्ट कार्यवाही, हल्के में न लें अधिवक्ता: हाईकोर्ट

याची अधिवक्ता नरेंद्र कुमार पांडेय का कहना था कि मतदान के दौरान गड़बड़ी की जा सकती है. इसलिए वीडियोग्राफी कराई जाए. निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता तरूण अग्रवाल का कहना था कि सरकार ने पहले ही शासनादेश जारी किया है. याचिका व्यर्थ में दाखिल की गई है. मतदान व मतगणना की वीडियोग्राफी की जाएगी.

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सीतापुर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की सपा प्रत्याशी की याचिका पर चुनाव आयोग को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष तरीके से कराने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने प्रत्याशी अनीता की याचिका पर पारित किया.

याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसके कालिया व अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने दलील दी कि सत्ताधारी दल की प्रत्याशी श्रद्धा सागर के पक्ष में चुनाव प्रभावित करने के लिए अन्य प्रत्याशियों व उनके रिश्तेदारों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं. आशंका व्यक्त की गई कि इन परिस्थितियों में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है. याची की ओर से मांग की गई कि कोर्ट से एक ऑब्जर्वर की तैनाती की जाए, जो पूरे चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करे.

वहीं याचिका पर जवाब देते हुए चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एक आईएएस अधिकारी सुशील कुमार पटेल को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जा चुका है व 25 जून को चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने के आदेश आयोग द्वारा दे दिये गए हैं. हालांकि याची के अधिवक्ताओं ने दलील दी कि जमीनी स्तर पर इन कार्यवाहियों का कोई पता नहीं है. वहीं भाजपा प्रत्याशी की ओर से पेश अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने दलील दी कि चुनाव आयोग के समक्ष अपनी बात रखे बिना ही वर्तमान याचिका दाखिल कर दी गई है.

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कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद चुनाव आयोग को नियमों का सख्ती से पालन करते हुए निष्पक्ष चुनाव कराने के आदेश दिये. साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई तक चुनाव आयोग को इस संबंध में रिपोर्ट भी पेश करने के आदेश दिये हैं. न्यायालय ने यह भी कहा है कि वह चुनाव प्रभावित करने के मुद्दे पर सुनवाई कर सकता है. मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी.

इन जिलों में निर्विरोध निर्वाचित हुए सदस्य
बता दें कि यूपी में 3 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना है. 22 जिलों के पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं. इनमें 21 भाजपा और एक (इटावा) सपा का है. शेष 53 जिलों के लिए 3 जुलाई को मतदान और मतगणना होगी. सहारनपुर, बहराइच, इटावा, चित्रकूट, आगरा, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अमरोहा, मुरादाबाद, ललितपुर, झांसी, बांदा, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी, पीलीभीत और शाहजहांपुर के परिणाम आ गए हैं. बाकी के 53 जिलों में तीन जुलाई को सुबह 11 बजे से तीन बजे तक मतदान होगा.

वहीं एक और याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को होने वाले प्रयागराज जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मतदान व मतगणना की वीडियोग्राफी कराने का आदेश देते हुए याचिका निस्तारित कर दी. सपा प्रत्याशी मालती यादव ने मतदान व मतगणना की वीडियोग्राफी कराने की मांग में याचिका दाखिल की थी. याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने की.

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याची अधिवक्ता नरेंद्र कुमार पांडेय का कहना था कि मतदान के दौरान गड़बड़ी की जा सकती है. इसलिए वीडियोग्राफी कराई जाए. निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता तरूण अग्रवाल का कहना था कि सरकार ने पहले ही शासनादेश जारी किया है. याचिका व्यर्थ में दाखिल की गई है. मतदान व मतगणना की वीडियोग्राफी की जाएगी.

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