ETV Bharat / state

प्रधानमंत्री को विशेष सुविधा देने के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, CEC से मांगा जवाब

प्रधानमंत्री को चुनावों के दौरान विशेष सुविधा दिये जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग (CEC) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई अब 31 अगस्त 2021 को होगी.

लखनऊ हाईकोर्ट
लखनऊ हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jul 28, 2021, 8:36 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रधानमंत्री को चुनावों के दौरान विशेष सुविधा दिए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से जवाब तलब किया है. न्यायालय ने जवाब देने के लिए चुनाव आयोग को चार सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त 2021 को होगी.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति रवि नाथ तिलहरी की खंडपीठ ने राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चंद्र की याचिका पर पारित किया. याची की अधिवक्ता नूतन ठाकुर के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता बनाई है, जो सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा चुनाव के दौरान पालन किये जाने वाले दिशा-निर्देश हैं. इन दिशा-निर्देशों में किसी सत्ताधारी दल के मंत्री को सरकारी यात्रा को किसी भी प्रकार से चुनावी यात्रा के साथ सम्बद्ध नहीं करने तथा चुनावी यात्रा में अनुचित ढंग से सरकारी संसाधनों का प्रयोग नहीं करने के निर्देश भी शामिल हैं.

याची की ओर से दलील दी गयी कि इन दिशा-निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने 7 अक्टूबर 2014 को आयोग से एक बार आदर्श आचार संहिता के इस प्रावधान से मुक्त करने का अनुरोध किया था. जिस पर चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को हमेशा के लिए इस प्रावधान से मुक्त कर दिया. याची की अधिवक्ता का कहना है कि चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री को ऐसी विशेष सुविधा देना समानता के सिद्धांत के विपरीत है. याचिका का विरोध करते हुए चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि आयोग का आदेश पूर्णतया विधिसम्मत है. हालांकि, उन्होंने विस्तृत जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिये जाने की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया.



इसे भी पढ़ें - जेल मैनुअल के अनुसार से मुख्तार अंसारी के बैरक में लगाएं टीवी : कोर्ट

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रधानमंत्री को चुनावों के दौरान विशेष सुविधा दिए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पर निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से जवाब तलब किया है. न्यायालय ने जवाब देने के लिए चुनाव आयोग को चार सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त 2021 को होगी.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति रवि नाथ तिलहरी की खंडपीठ ने राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के अध्यक्ष प्रताप चंद्र की याचिका पर पारित किया. याची की अधिवक्ता नूतन ठाकुर के मुताबिक याचिका में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता बनाई है, जो सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों द्वारा चुनाव के दौरान पालन किये जाने वाले दिशा-निर्देश हैं. इन दिशा-निर्देशों में किसी सत्ताधारी दल के मंत्री को सरकारी यात्रा को किसी भी प्रकार से चुनावी यात्रा के साथ सम्बद्ध नहीं करने तथा चुनावी यात्रा में अनुचित ढंग से सरकारी संसाधनों का प्रयोग नहीं करने के निर्देश भी शामिल हैं.

याची की ओर से दलील दी गयी कि इन दिशा-निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने 7 अक्टूबर 2014 को आयोग से एक बार आदर्श आचार संहिता के इस प्रावधान से मुक्त करने का अनुरोध किया था. जिस पर चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को हमेशा के लिए इस प्रावधान से मुक्त कर दिया. याची की अधिवक्ता का कहना है कि चुनाव आयोग को प्रधानमंत्री को ऐसी विशेष सुविधा देना समानता के सिद्धांत के विपरीत है. याचिका का विरोध करते हुए चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि आयोग का आदेश पूर्णतया विधिसम्मत है. हालांकि, उन्होंने विस्तृत जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिये जाने की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया.



इसे भी पढ़ें - जेल मैनुअल के अनुसार से मुख्तार अंसारी के बैरक में लगाएं टीवी : कोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.