लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ उत्तरी से भाजपा विधायक डॉ नीरज बोरा के चुनाव को शून्य घोषित करने व रद् करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने याचिका को तकनीकी आधार पर खारिज करते हुए कहा है कि निर्वाचन याचिका के सम्बंध में नोटिस का प्रकाशन आवश्यक है, जिसके लिए याची ने इंकार किया है. लिहाजा उसकी याचिका पोषणीय नहीं है. यह निर्णय न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने सर्वेश कुमार गुप्ता की निर्वाचन याचिका पर पारित किया.
याची की ओर से अधिवक्ता श्रद्धा त्रिपाठी की दलील थी कि नोटिस के प्रकाशन के लिए उसे 94 हजार 500 रुपये जमा करने थे, जो देने में याची असमर्थ है, वहीं याचिका का विरोध करते हुए डॉ. नीरज बोरा के अधिवक्ता डॉ. शैलेन्द्र शर्मा ने दलील दी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट रूल्स के रूल 5 व 6 के तहत निर्वाचन याचिका की पोषणीयता के लिए नोटिस का समाचार पत्र में प्रकाशन आवश्यक है. यदि याची द्वारा यह नहीं किया जाता तो उसकी याचिका पोषणीय नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने याचिका में पृष्ठ संख्या इत्यादि की त्रुटियों का भी उल्लेख करते हुए, याचिका को खारिज किए जाने की मांग की. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत पारित अपने निर्णय में कहा कि रूल 6 (सी) निर्वाचन याचिका के सम्बंध में एक बाध्यकारी प्रावधान है, इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही याचिका की प्रति तैयार किए जाने में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का भी पूर्णत: पालन नहीं किया गया है. इस आधार पर भी याचिका अपोषणीय है.
उल्लेखनीय है कि डॉ. नीरज बोरा को 10 मार्च 2022 को लखनऊ उत्तरी विधान सभा सीट से निर्वाचित घोषित किया गया था. वर्तमान याचिका में राजनीतिक दलों को मान्यता दिए जाने पर प्रश्न उठाते हुए, डॉ. नीरज बोरा के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी. याची ने भी उक्त सीट से चुनाव लड़ा था और हार गया था.