लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष सेंट्रल एक्साइज इंस्पेक्टर एसोसिएशन ने जनहित याचिका दाखिल कर यूनिफॉर्म न पहनने के चलते, सेंट्रल जीएसटी व सेंट्रल एक्साइज एवं कस्टम विभाग के अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाईयों को समाप्त किए जाने की मांग की थी. याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि एसोसिएशन के कुछ सदस्यों के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान न देने तथा आदेश न मानने के चलते अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई. जिसके बाद वर्तमान याचिका अथॉरिटीज पर दबाव डालने के उद्देश्य से दाखिल की गई है. यह आदेश जस्टिस रितुराज अवस्थी व जस्टिस मनीष माथुर की बेंच ने पारित किया.
याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार के लिए परमादेश जारी किया जाए कि वे सेंट्रल जीएसटी, सेंट्रल एक्साइज, व कस्टम के अन्य विभागों में यूनिफॉर्म पहनने के सम्बंध में नियम व दिशानिर्देश बनाएं. साथ ही यह भी मांग की गई थी कि यूनिफॉर्म न पहनने को लेकर केंद्रीय कर सम्बंधी उक्त विभागों के जिन भी अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई चल रही है, उसे समाप्त किया जाए. याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि सेंट्रल एक्साइज विभाग में आजादी के पहले से यूनिफॉर्म पहनने की परम्परा है.
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कोर्ट ने पाया कि याची एसोसिएशन के महासचिव व कुछ सदस्यों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है. एसोसिएशन के कुछ सदस्य सहयोग न करने, आदेश न मानने व राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान न देने के दोषी पाए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि वर्तमान याचिका अथॉरिटीज पर दबाव डालने के लिए दाखिल की गई है. जबकि अनुशासनात्मक कार्यवाही से सम्बंधित मामले केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में विचाराधीन हैं.