ETV Bharat / state

लखनऊ हाईकोर्ट: डीजी सिविल डिफेंस जवाहर लाल त्रिपाठी की कोर्ट ने खारिज की याचिका

नागरिक सुरक्षा के महानिदेशक जवाहर लाल त्रिपाठी ने आईपीएस अधिकारियों के चयन में अपनाई जा रही प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की थी. सोमवार को कोर्ट ने याचिका को बलहीन पाते हुए खारिज कर दिया है.

etv bharat
लखनऊ हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jan 27, 2020, 8:22 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि डीजीपी पद के लिए संघ लोक सेवा आयोग को आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजी गई है, जिसमें डीजी (नागरिक सुरक्षा) जवाहर लाल त्रिपाठी का भी नाम है. महाधिवक्ता के जवाब के बाद न्यायालय ने डीजी की ओर से दाखिल याचिका को बलहीन पाते हुए खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने डीजी की याचिका की खारिज
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने यह आदेश जवाहर लाल त्रिपाठी की याचिका पर दिया. याचिका में कहा गया कि वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों में तीसरे स्थान पर होने के बावजूद याची का नाम डीजीपी पद के लिए नहीं भेजा गया है, जबकि उनकी आठ महीने की सर्विस अभी शेष है.

याची की ओर से इसे प्रकाश सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायलाय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया गया था. याचिका में राज्य सरकार को तत्काल उनका नाम भेजने का आदेश देने की मांग की गई थी.

सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने याची का नाम भेजे जाने की जानकारी दी. महाधिवक्ता ने कहा कि अखबार की खबर के आधार पर यह याचिका दाखिल की गई है. डीजी जैसे वरिष्ठ पद पर बैठे अधिकारी को मात्र अखबार की खबर के आधार पर याचिका नहीं दाखिल करनी चाहिए.

इस पर याची की ओर से प्रतिवाद करते हुए कहा गया कि याची का नाम याचिका दाखिल करने के बाद भेजा गया है. मांग की गई कि सरकार स्पष्ट बताए कि याची का नाम कोर्ट में याचिका दाखिल करने से पहले दिया गया है कि बाद में दिया गया. हालांकि न्यायालय ने कहा कि चूंकि याची का नाम सरकार ने भेज दिया है, लिहाजा याचिका बलहीन हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2017 पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि डीजीपी पद के लिए संघ लोक सेवा आयोग को आईपीएस अधिकारियों की सूची भेजी गई है, जिसमें डीजी (नागरिक सुरक्षा) जवाहर लाल त्रिपाठी का भी नाम है. महाधिवक्ता के जवाब के बाद न्यायालय ने डीजी की ओर से दाखिल याचिका को बलहीन पाते हुए खारिज कर दिया है.

कोर्ट ने डीजी की याचिका की खारिज
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने यह आदेश जवाहर लाल त्रिपाठी की याचिका पर दिया. याचिका में कहा गया कि वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों में तीसरे स्थान पर होने के बावजूद याची का नाम डीजीपी पद के लिए नहीं भेजा गया है, जबकि उनकी आठ महीने की सर्विस अभी शेष है.

याची की ओर से इसे प्रकाश सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायलाय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया गया था. याचिका में राज्य सरकार को तत्काल उनका नाम भेजने का आदेश देने की मांग की गई थी.

सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने याची का नाम भेजे जाने की जानकारी दी. महाधिवक्ता ने कहा कि अखबार की खबर के आधार पर यह याचिका दाखिल की गई है. डीजी जैसे वरिष्ठ पद पर बैठे अधिकारी को मात्र अखबार की खबर के आधार पर याचिका नहीं दाखिल करनी चाहिए.

इस पर याची की ओर से प्रतिवाद करते हुए कहा गया कि याची का नाम याचिका दाखिल करने के बाद भेजा गया है. मांग की गई कि सरकार स्पष्ट बताए कि याची का नाम कोर्ट में याचिका दाखिल करने से पहले दिया गया है कि बाद में दिया गया. हालांकि न्यायालय ने कहा कि चूंकि याची का नाम सरकार ने भेज दिया है, लिहाजा याचिका बलहीन हो चुकी है.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2017 पर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब


जवाहर लाल त्रिपाठी का नाम डीजीपी पद के लिए भेजा जा चुका है: महाधिवक्ता  
हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता के जवाब के बाद याचिका को किया खारिज
विधि संवाददाता
लखनऊ।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि डीजीपी पद के लिए संघ लोक सेवा आयोग को भेजी गई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की सूची में डीजी नागरिक सुरक्षा जवाहर लाल त्रिपाठी का भी नाम है। महाधिवक्ता के जवाब के बाद न्यायालय ने डीजी की ओर से दाखिल याचिका को बलहीन पाते हुए, खारिज कर दिया है।
    यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने जवाहर लाल त्रिपाठी की याचिका पर दिया। याचिका में कहा गया था कि
वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों में तीसरे स्थान पर होने के बावजूद याची का नाम डीजीपी पद के लिए नहीं भेजा गया है, जबकि उनकी आठ महीने की सर्विस अभी शेष है याची की ओर से इसे प्रकाश सिंह मामले में सर्वोच्च न्यायलाय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया गया था याचिका में राज्य सरकार को तत्काल उनका नाम भेजने का आदेश देने की मांग की गई थी

    सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए व उन्होंने याची का नाम भेजे जाने की जानकारी दी। महाधिवक्ता ने कहा कि अखबार की खबर के आधार पर यह याचिका दाखिल की गई है। डीजी जैसे वरिष्ठ पद पर बैठे अधिकारी को मात्र अख़बार की खबर के आधार पर याचिका नहीं दाखिल करनी चाहिए। इस पर याची की ओर से प्रतिवाद करते हुए कहा गया कि याची का नाम याचिका दाखिल करने के बाद भेजा गया है मांग की गई कि सरकार स्पष्ट बताए कि याची का नाम याचिका दाखिल करने से पहले भेजा गया था अथवा बाद में। हालांकि न्यायालय ने कहा कि चूँकि याची का नाम सरकार द्वारा भेज दिया गया है, लिहाजा याचिका बलहीन हो चुकी है

 

--
Chandan Srivastava
9935571970
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.