लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने याची के वेतन से टीडीएस काटा, लेकिन उसे आयकर विभाग में जमा ही नहीं किया. न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए, विभाग के अपर मुख्य सचिव को जांच का आदेश दिया है. न्यायालय ने हलफनामा दाखिल कर टीडीएस काटे जाने के बावजूद आयकर विभाग में जमा न करने का स्पष्टीकरण तलब किया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने जगुनाथ सिंह यादव की याचिका पर पारित किया है. न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव को यह भी आदेश दिया है कि उक्त जांच दो सप्ताह में पूरी करने के उपरांत, वह अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर बताएं कि टीडीएस काटे जाने के बावजूद आयकर विभाग में जमा क्यों नहीं किया गया.
अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने बताया कि याची चीफ फार्मासिस्ट के पद पर उन्नाव जनपद में तैनात था. वर्ष 2009-10 तथा वर्ष 2012-13 में उसके वेतन से काटे गए टीडीएस को विभाग द्वारा आयकर विभाग में जमा नहीं किया गया. अधिवक्ता के अनुसार जब विभागीय अधिकारियों द्वारा इसका कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया तब उसने हाईकोर्ट की शरण ली.
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