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डेंगू के मरीजों के हाल पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता, पूछा सरकार ने क्या कदम उठाए - Justice Devendra Kumar Upadhyay

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने सरकारी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया व वायरल बुखार इत्यादि के मरीजों के यथोचित इलाज की संतोषजनक व्यवस्था न होने पर चिंता जताई है.

डेंगू मरीजों के हाल पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता
डेंगू मरीजों के हाल पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता
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Published : Nov 3, 2022, 10:14 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने सरकारी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया व वायरल बुखार इत्यादि के मरीजों के यथोचित इलाज की संतोषजनक व्यवस्था न होने पर चिंता जताई है. न्यायालय ने राज्य सरकार व नगर निगम से पूछा है कि मरीजों को उचित चिकित्सीय सुविधा दिए जाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. वहीं, न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों में बेड की कथित कमी पर भी रोष जताया है. न्यायालय ने डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त साफ-सफाई व फॉगिंग न किए जाने पर नगर निगम की भी खिंचाई की है.

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय (Justice Devendra Kumar Upadhyay) और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव (Justice Saurabh Srivastava) की खंडपीठ ने आशीष कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर पारित किया. न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह वेक्टर-जनित रोगों की रोकथाम के लिए अपना एक्शन प्लान पेश करे. न्यायालय ने राज्य सरकार व नगर निगम के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से यह स्पष्ट करें कि इस समस्या से निपटने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं.

न्यायालय ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी अगली सुनवाई पर यह बताने को कहा है कि रेलवे अस्पतालों की क्या स्थिति है व वहां मरीजों के इलाज के सम्बंध में यथोचित व्यवस्था के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में मौजूद अधिवक्ताओं ने भी न्यायालय को बताया कि वेक्टर-जनित रोगों की वजह से स्थिति वास्तव में विकट हो चुकी है. अधिवक्ताओं का कहना था कि यदि जरूरत पड़ जाए तो अस्पतालों में बेड मिलना लगभग असंभव है.


यह भी पढ़ें- पीलीभीत में धान खरीद में लापरवाही पर डिप्टी आरएमओ निलंबित

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने सरकारी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया व वायरल बुखार इत्यादि के मरीजों के यथोचित इलाज की संतोषजनक व्यवस्था न होने पर चिंता जताई है. न्यायालय ने राज्य सरकार व नगर निगम से पूछा है कि मरीजों को उचित चिकित्सीय सुविधा दिए जाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. वहीं, न्यायालय ने सरकारी अस्पतालों में बेड की कथित कमी पर भी रोष जताया है. न्यायालय ने डेंगू की रोकथाम के लिए पर्याप्त साफ-सफाई व फॉगिंग न किए जाने पर नगर निगम की भी खिंचाई की है.

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय (Justice Devendra Kumar Upadhyay) और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव (Justice Saurabh Srivastava) की खंडपीठ ने आशीष कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर पारित किया. न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह वेक्टर-जनित रोगों की रोकथाम के लिए अपना एक्शन प्लान पेश करे. न्यायालय ने राज्य सरकार व नगर निगम के अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से यह स्पष्ट करें कि इस समस्या से निपटने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं.

न्यायालय ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी अगली सुनवाई पर यह बताने को कहा है कि रेलवे अस्पतालों की क्या स्थिति है व वहां मरीजों के इलाज के सम्बंध में यथोचित व्यवस्था के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में मौजूद अधिवक्ताओं ने भी न्यायालय को बताया कि वेक्टर-जनित रोगों की वजह से स्थिति वास्तव में विकट हो चुकी है. अधिवक्ताओं का कहना था कि यदि जरूरत पड़ जाए तो अस्पतालों में बेड मिलना लगभग असंभव है.


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