प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) को ट्रैफिक सिग्नल (Traffic Signal) का नया टेंडर जारी करने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने मौके पर यथास्थिति कायम रखने तथा मामले की सुनवाई के दौरान किसी तीसरे पक्ष का हित सृजित नहीं करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने नगर निगम सहित अन्य सभी पक्षों से इस मामले में एक सप्ताह में जवाब मांगा है. शिव शक्ति ड्रीम हाउस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने दिया है.
कंपनी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि वर्ष 2017 में नगर निगम गाजियाबाद ने उसकी कंपनी को शहर में ट्रैफिक सिग्नल संचालित करने का ठेका दिया था. ठेके में शर्त थी कि यह आरंभ में 6 वर्ष के लिए होगा. संतोषजनक कार्य होने पर इसे आगे 6 वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकेगा.
ठेका मिलने के बाद याची ने इस पर भारी निवेश किया लेकिन अब नगर निगम ने नया टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है. याची का कहना था कि यह उचित नहीं है और सिर्फ इस आधार पर नया टेंडर जारी किया जा रहा है कि नए टेंडर से और ज्यादा राजस्व आ सकता है. जबकि याची ने ठेका और अगले 6 वर्ष के लिए जारी रहने की उम्मीद में भारी निवेश किया है. कोर्ट ने प्रकरण को विचारणीय मानते हुए नगर निगम गाजियाबाद सहित सभी पक्षों से एक सप्ताह में जवाब तलब किया है.
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