लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अवैध शराब की बिक्री पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि उसने इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं. न्यायालय ने सरकार को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति रवि नाथ तिलहरी की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता सत्येन्द्र कुमार सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया.
स्थानीय अधिवक्ता सत्येन्द्र कुमार सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका में जहरीली शराब का मुद्दा उठाया गया है. याचिका में इस अवैध कारोबार पर पूर्णतया अंकुश लगाने की भी मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने सरकार से निर्देश प्राप्त कर कोर्ट को जानकारी देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया. न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि जानकारी सिर्फ हाल ही में अलीगढ़ में हुई अवैध शराब की घटना के संदर्भ में नहीं होनी चाहिए बल्कि वर्ष 2017 में न्यायालय द्वारा एक अन्य मामले इस सम्बंध में दिये गए दिशानिर्देशों के अनुपालन की भी जानकारी दी जाए.
उक्त मामले में न्यायालय ने अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए वृहत्तर कार्ययोजना बनाने का आदेश दिया था. न्यायालय ने बाराबंकी में वर्ष 2019 में हुई अवैध शराब की घटना के सम्बंध में विचाराधीन जनहित याचिका के साथ वर्तमान याचिका को सम्बद्ध करने का भी आदेश दिया है.