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हाथरस कांड : हाईकोर्ट ने मनीष गुप्ता व विवेक तिवारी की पत्नियों को दी गई नियुक्तियों की मांगी जानकारी

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मनीष गुप्ता व विवेक तिवारी की पत्नियों को दी गई नियुक्तियों की मांगी जानकारी. हाईकोर्ट ने पूछा- क्या दोनों मामलों का ट्रायल अब भी विचाराधीन है.

हाईकोर्ट ने मनीष गुप्ता व विवेक तिवारी की पत्नियों को दी गई नियुक्तियों की मांगी जानकारी
हाईकोर्ट ने मनीष गुप्ता व विवेक तिवारी की पत्नियों को दी गई नियुक्तियों की मांगी जानकारी
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Published : Jan 6, 2022, 10:12 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले की सुनवाई के दौरान मनीष गुप्ता व विवेक तिवारी की पत्नियों मीनाक्षी गुप्ता व कल्पना तिवारी को दी गई नियुक्तियों के संबंध में सवाल पूछे हैं. हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या इन दोनों मामलों का ट्रायल विचाराधीन है ? कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करके यह भी बताने को कहा है कि उन्हें ग्रुप- सी के पद पर नियुक्ति दी गई है अथवा अथवा ग्रुप-बी के पद पर ? इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वता संज्ञान लेकर 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर पारित किया.

हाईकोर्ट ने हाथरस मामले में पीड़िता के किसी परिजन को नौकरी दिए जाने के परिप्रेक्ष्य में सवाल पूछे हैं. दरअसल कोर्ट यह जानना चाहता है कि उक्त दोनों मामलों में नियुक्तियां दे दी गईं हैं, तो हाथरस मामले में देरी क्यों हो रही है.

हालांकि सुनवाई के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने बताया कि विवेक तिवारी व मनीष गुप्ता के मामले पुलिस उत्पीड़न से संबंधित थे. जबकि हाथरस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जानी है. इस विषय पर कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करके स्पष्ट जवाब देने का आदेश दिया है.

इसे पढ़ें- UP Assembly Election 2022 : सीएम योगी ने दी बड़ी राहत, हर महीने किसानों का बिजली बिल 50 प्रतिशत होगा माफ

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हाथरस मामले की सुनवाई के दौरान मनीष गुप्ता व विवेक तिवारी की पत्नियों मीनाक्षी गुप्ता व कल्पना तिवारी को दी गई नियुक्तियों के संबंध में सवाल पूछे हैं. हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या इन दोनों मामलों का ट्रायल विचाराधीन है ? कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल करके यह भी बताने को कहा है कि उन्हें ग्रुप- सी के पद पर नियुक्ति दी गई है अथवा अथवा ग्रुप-बी के पद पर ? इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वता संज्ञान लेकर 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर पारित किया.

हाईकोर्ट ने हाथरस मामले में पीड़िता के किसी परिजन को नौकरी दिए जाने के परिप्रेक्ष्य में सवाल पूछे हैं. दरअसल कोर्ट यह जानना चाहता है कि उक्त दोनों मामलों में नियुक्तियां दे दी गईं हैं, तो हाथरस मामले में देरी क्यों हो रही है.

हालांकि सुनवाई के दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने बताया कि विवेक तिवारी व मनीष गुप्ता के मामले पुलिस उत्पीड़न से संबंधित थे. जबकि हाथरस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जानी है. इस विषय पर कोर्ट ने हलफनामा दाखिल करके स्पष्ट जवाब देने का आदेश दिया है.

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