लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरोजिनी नगर तहसील बार एसोसिएशन द्वारा आए दिन हड़ताल किए जाने के आरोपों को लेकर सख्त रुख अपनाया है. न्यायालय ने जिलाधिकारी, लखनऊ से पूछा है कि उक्त बार एसोसिएशन पिछले एक वर्षों में कितने दिनों तक हड़ताल पर रही और उसकी हड़ताल से तहसील के कामकाज पर क्या असर पड़ा. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 जनवरी की तिथि नियत करते हुए, जिलाधिकारी को व्यक्तिगत हलफ़नामा दाखिल करने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने विनय कुमार शुक्ला की याचिका पर पारित किया है. याचिका में आरोप लगाया गया कि सरोजिनी नगर तहसील की बार एसोसिएशन आए दिनों हड़ताल पर रहती है और जिलाधिकारी भी बार की हड़ताल को स्वीकार कर लेते हैं जिसकी वजह से याची और उस जैसे तमाम वादकारियों के मुकदमों की सुनवाई व दाखिला नहीं हो पाता है. वहीं, यूपी बार काउंसिल के अधिवक्ता सुभाष चंद्र पांडेय ने न्यायालय को बताया कि सरोजिनी नगर बार काउंसिल की मान्यता 25 सितम्बर 2021 को ही समाप्त की जा चुकी है. इस पर न्यायालय ने जिलाधिकारी को व्यक्तिगत हलफ़नामा दाखिल कर उपरोक्त जानकारी देने को कहा, साथ ही सरोजिनी नगर बार एसोसिएशन व इसके सचिव को नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया है. न्यायालय ने मामले को 4 जनवरी को टॉप टेन केसों में सूचीबद्ध करने का निर्देश भी दिया है.
ये भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश में और लंबी हुई परिवारवाद वाली राजनीति पार्टियों की फेहरिस्त