ETV Bharat / state

बुलेट और दूसरे वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त, मांगा जवाब

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में बुलेट समेत तमाम दूसरे वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने प्रदूषण बोर्ड समेत राज्य सरकार के तमाम विभागों से इस मामले में जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि वाहनों में मोडिफाइड साइलेंसर लगाकर ध्वनि प्रदूषण करने वालों के मामले में क्या कार्रवाई हुई है.

लखनऊ हाईकोर्ट
लखनऊ हाईकोर्ट
author img

By

Published : Aug 11, 2021, 7:38 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदूषण बोर्ड समेत राज्य सरकार के तमाम विभागों से पूछा है कि उन्होंने बुलेट समेत दूसरे वाहनों में मोडिफाइड साइलेंसर लगाकर ध्वनि प्रदूषण पैदा करने के मामलों में क्या कार्रवाई की है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख तय करते हुए शपथ पत्र के जरिए विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने ‘मोडिफाइड साइलेंसरों से ध्वनि प्रदूषण’ टाइटिल से दर्ज स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर पारित किया है. 20 जुलाई को न्यायालय ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया था. न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि बुलेट और दूसरी बाइकों में आजकल साइलेंसर को मोडिफाई करके तेज आवाज सुनाने का फैशन हो गया है. ऐसे मोडिफाइड साइलेंसरों से इतनी तेज आवाज निकलती है कि सौ मीटर दूर से भी आवाज को साफ सुन जा सकता है. इससे बीमार लोगों, बुजुर्गों और बच्चों को खास तौर पर भारी दिक्कतें होती हैं.


इस बार हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी अगली सुनवाई तक प्रतिवादीगण शपथ पत्र के जरिए दाखिल करें. वहीं न्यायालय ने मामले में प्रतिवादी परिवहन व गृह विभाग के प्रमुख सचिवों समेत पुलिस महानिदेशक, डीसीपी (यातायात), लखनऊ व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बनाने का आदेश दिया है.

इसे भी पढ़ें - NHAI के रीजनल ऑफिसर को हाईकोर्ट ने किया तलब, ये है मामला

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदूषण बोर्ड समेत राज्य सरकार के तमाम विभागों से पूछा है कि उन्होंने बुलेट समेत दूसरे वाहनों में मोडिफाइड साइलेंसर लगाकर ध्वनि प्रदूषण पैदा करने के मामलों में क्या कार्रवाई की है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख तय करते हुए शपथ पत्र के जरिए विस्तृत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने ‘मोडिफाइड साइलेंसरों से ध्वनि प्रदूषण’ टाइटिल से दर्ज स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर पारित किया है. 20 जुलाई को न्यायालय ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया था. न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि बुलेट और दूसरी बाइकों में आजकल साइलेंसर को मोडिफाई करके तेज आवाज सुनाने का फैशन हो गया है. ऐसे मोडिफाइड साइलेंसरों से इतनी तेज आवाज निकलती है कि सौ मीटर दूर से भी आवाज को साफ सुन जा सकता है. इससे बीमार लोगों, बुजुर्गों और बच्चों को खास तौर पर भारी दिक्कतें होती हैं.


इस बार हुई सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी अगली सुनवाई तक प्रतिवादीगण शपथ पत्र के जरिए दाखिल करें. वहीं न्यायालय ने मामले में प्रतिवादी परिवहन व गृह विभाग के प्रमुख सचिवों समेत पुलिस महानिदेशक, डीसीपी (यातायात), लखनऊ व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बनाने का आदेश दिया है.

इसे भी पढ़ें - NHAI के रीजनल ऑफिसर को हाईकोर्ट ने किया तलब, ये है मामला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.