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दुष्कर्म पीड़िता के गर्भपात की अनुमति मामले में हाईकोर्ट ने दो वकीलों को बनाया एमिकस क्यूरी

नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के गर्भ गिराने के मामले में लखनऊ हाईकोर्ट ने अधिवक्ता जेएन माथुर और बुलबुल गोडियाल को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई जारी रखने के निर्देश दिए.

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Published : Jul 18, 2019, 11:23 PM IST

लखनऊ हाईकोर्ट.

लखनऊ: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने 21 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी थी. मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सुनवाई में मदद के लिए बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.


गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान केजीएमयू के अधिवक्ता अभिनव एन त्रिवेदी ने पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की रिपोर्ट सौंपी. इसे देखने के बाद न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने मामले में मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर और बुलबुल गोडियाल को बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त किया. साथ ही शुक्रवार को मामले की सुनवाई जारी रखने के निर्देश दिए. इस मामले में न्यायालय ने केजीएमयू के कुलपति को चार डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता के स्वास्थ्य की जांच करने का आदेश दिया था.

लखनऊ: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता ने 21 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी थी. मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सुनवाई में मदद के लिए बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है.


गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान केजीएमयू के अधिवक्ता अभिनव एन त्रिवेदी ने पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की रिपोर्ट सौंपी. इसे देखने के बाद न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने मामले में मदद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर और बुलबुल गोडियाल को बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त किया. साथ ही शुक्रवार को मामले की सुनवाई जारी रखने के निर्देश दिए. इस मामले में न्यायालय ने केजीएमयू के कुलपति को चार डॉक्टरों का मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता के स्वास्थ्य की जांच करने का आदेश दिया था.

दुराचार पीड़िता को गर्भ गिराने की अनुमति मामले में हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं को बनाया एमिकस क्यूरी
विधि संवाददाता
लखनऊ
नाबालिग दुराचार पीड़िता द्वारा 21 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगने के मामले में, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सुनवाई में मदद के लिए बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। गुरूवार को मामले की सुनवाई के दौरान केजीएमयू के अधिवक्ता अभिनव एन त्रिवेदी ने पीड़िता के मानसिक व शारिरीक स्वास्थ्य की रिपोर्ट सौंपी। जिसे देखने के पश्चात न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ ने मामले में मदद के लिए, वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर और बुलबुल गोडियाल को बतौर एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए, शुक्रवार को मामले की सुनवाई जारी रखने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि इस मामले में न्यायालय ने केजीएमयू के कुलपति को चार डाक्टरों का मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़िता के स्वास्थ्य की जांच करने का आदेश दिया था।


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Chandan Srivastava
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