लखनऊः राजधानी लखनऊ में भारी वाहनों की वजह से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नो इंट्री में ये भारी वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. इनकी वजह से लोगों को हर रोज सड़क जाम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके अधिकारी इनपर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. आलम यह है कि राहगीरों को जान जोखिम में डालकर राजधानी की सड़कों पर सफर करना पड़ रहा है.
बता दें कि लखनऊ के मड़ियांव अंतर्गत आईआईएम रोड, सीतापुर हाईवे, दुबग्गा कानपुर हाईवे से होकर भारी वाहन जहां नो एंट्री खुलने के बाद सरपट दौड़ते हुए देखने को मिलती है. वही सुबह होते ही नो इंट्री बंद होने के बाद भी भारी वाहन व कमर्शियल गाड़ियां लखनऊ की फैजुल्लागंज, नौबस्ता, सहित दर्जनों से अधिक बस्तियों के बीचो बीच रास्ते नो एंट्री के बीच दौड़ती हुई नजर आती है. जिससे भारी गाड़ियों का सुबह नो एंट्री के बीच निकलने के वजह से सड़कों पर जाम की स्थिति बन जाती है. वहीं दूसरी तरफ स्कूल जाने वाले छात्रों व पैदल चलने वाले लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन जाता है. कभी-कभी भारी वाहन बड़ी दुर्घटना के कारण ही बन जाते हैं.
रात्रि 8:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक लखनऊ के शहर में प्रवेश की अनुमित
जहां एक तरफ भारी वाहनों का का प्रवेश के लिए रात्रि 8:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक लखनऊ के शहर में सरकारी गाइडलाइन के अनुसार प्रवेश की अनुमति है. इसके इतर यह देखने को मिलता है कि भारी वाहनों के प्रवेश के समय खत्म होने के बाद भी स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से धड़ल्ले से गाड़ियों को शहर के अंदर आने दिया जाता है. जिसके वजह से सामानों से लगे भारी वाहन ट्रक, कमर्शियल माल से लदे हुए ट्रैक्टर, सीतापुर हाईवे, दुबग्गा कानपुर हाईवे सहित अलग-अलग लखनऊ के बड़ी सड़कों पर सरपट दौड़ते हुए देखने को मिलती है. जिसको लेकर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से नजर आता है, वहीं इन गाड़ियों के सरपट लगातार ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त होते हुए दिखाई देती है. जिसके बावजूद भी भारी वाहनों पर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है.
वहीं एक तरफ नो एंट्री होने के बाद मोरंग गिट्टी व अन्य सामग्रियों से लदे ट्रक और ट्रैक्टर मुख्य सड़क छोड़कर कॉलोनी के शॉर्टकट तरीकों को अपनाकर चोरी से निकल जाते हैं. कारण यह है कि सड़कों के नाकाबंदी ना होने के कारण मुख्य सड़कों से जुड़े हुए सड़क के जो कॉलोनी के रास्ते अन्य सड़कों से मिलती हैं. उन रास्तों को प्रयोग करके वाहन चालकों द्वारा धड़ल्ले से कॉलोनी के रास्तों से गाड़ियों को निकाला जाता है. जिससे एकल रास्तों पर जाम की स्थिति हो जाती है, उन रास्ते से निकलने में स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जाम लगने के कारण स्कूल जाने वाले, ऑफिस जाने वाले व अपने रोजमर्रा के काम करने जाने वाले लोगों को समय से पहुंचने में देरी हो जाती है.
मड़ियांव थाना प्रभारी वीर सिंह से जब नो एंट्री के बीच दौड़ती हुई गाड़ियों को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह गाड़ियां लंबे रूट से प्रवेश के लिए छोड़ दी जाती हैं. वही धड़ल्ले से शहरों के बीच यह गाड़ियां प्रवेश कर जाती है. जिसको लेकर लगातार इनको रोकने का प्रयास किया जाता है. इसके बावजूद भी यह कॉलोनियों में भारी वाहनों को लेकर अंदर चले जाते हैं. जिसको लेकर मुख्य रास्तों से जुड़ने वाले सड़कों को नाकाबंदी करने का काम किया जाएगा. जिससे भारी वाहन शहरों में प्रवेश ना कर सकें. वहीं दूसरी तरफ भारी वाहनों को रोककर चालान की प्रक्रिया भी की जाएगी. जिससे ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जा सके.
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