लखनऊ: उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद संपत्ति के नामांतरण को लेकर केवल 10000 रुपये शुल्क ही वसूलेगा. पहले यह शुल्क संपत्ति के मूल्य का 1% हुआ करता था. 1% की दर से कई बार नामांतरण शुल्क लाखों रुपए में पहुंच जाता था. मगर अब यह सुविधा आवास विकास परिषद ने अपने मंत्रियों को देने की ठानी है. इस संबंध में संपत्ति के नामांतरण का शुल्क (Nomination fee for Property) को लेकर उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की बोर्ड मीटिंग में बुधवार को फैसला किया गया.
आवास विकास परिषद (Uttar Pradesh Housing Development Board) के मुख्यालय में आयोजित इस बोर्ड मीटिंग में कई अन्य फैसले भी किए गए. इसमें वाराणसी में एक नई आवासीय योजना की घोषणा की गई. इसके अलावा अयोध्या में भी नई आवासीय योजनाओं के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले किए गए. अवध विकास परिषद की बोर्ड मीटिंग में प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण, आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद, अपर आवास आयुक्त और सचिव डॉ नीरज शुक्ला, अपर आवास आयुक्त ईशान प्रताप सिंह और अपर आवास आयुक्त विपिन कुमार मिश्रा मौजूद रहे.
अपार आवास आयुक्त और सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने पत्रकारों को बताया कि ग्रुप हाउसिंग छोड़कर सभी योजनाओं में 10000 रुपये नामांतरण शुल्क लिया जाएगा. जिससे आवंटी का आर्थिक बोझ कम होगा.
सबसे पहले 200 एकड़ में लॉन्च होगी अयोध्या में आवासीय स्कीम: डॉक्टर नीरज शुक्ला ने बताया कि सबसे पहले अयोध्या में आवासीय स्कीम 200 एकड़ में लॉन्च होगी. इस 200 एकड़ में राज्यों के अतिथि गृह होंगे. इनके अलावा कुछ ग्रुप हाउसिंग स्कीम और कमर्शियल स्कीम भी होंगी. अयोध्या में आवासीय योजना के विस्तार के लिए करीब 181 हेक्टेयर भूमि का अर्जन और किया जाएगा. गांव माझा, शाहनवाजपुर, कूढाकेशवपुर की भूमि पर योजना संचालित की जाएगी.
वाराणसी में भी आवास योजना लांच की जानी है. इसको लेकर 1041 खसरों की करीब 198 एकड़ भूमि अर्जित की जा रही. बोर्ड मीटिंग में परिषद के कर्मचारियों अधिकारियों और पेंशनरों के लिए 42% की दर से महंगाई भत्ता अनुमन्य कर दिया गया.
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