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पशुधन घोटाले में फरार IPS अरविंद सेन 9 फरवरी तक भेजे गए न्यायिक हिरासत में

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Published : Jan 27, 2021, 8:29 AM IST

Updated : Jan 27, 2021, 3:03 PM IST

पशुधन घोटाला मामले में अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने के बाद 9 फरवरी तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. सोमवार को पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजी के आरोपी आईपीएस अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी.

IPS अधिकारी अरविंद सेन के आत्म समर्पण की अर्जी पर सुनवाई आज
IPS अधिकारी अरविंद सेन के आत्म समर्पण की अर्जी पर सुनवाई आज

लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को खारिज कर दी थी. न्यायालय ने कहा कि पूरे मामले को देखने के बाद यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव ने पीसी थर्ड कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने के बाद 9 फरवरी तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविंद सेन की याचिका पर 20 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था, जिसे सोमवार को जारी किया गया था. याची का कहना था कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है व उसके विरुद्ध अब तक कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं. वहीं याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने तर्क दिया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि याची मुख्य अभियुक्त आशीष राय के साथ सक्रिय रूप से सम्मिलित था. उसने खुद को सीबीसीआईडी का अधिकारी बताकर मामले के वादी से मुलाकात की थी. उसे 35 लाख रुपये भी मिले थे. यही नहीं 10 लाख रुपये तो याची ने अपने बैंक खाते में मंगाए थे. याची की ओर से उक्त 10 लाख रुपये का कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया जा सका है. कहा गया कि याची वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है व पहले भी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर चुका है.

न्यायालय ने सभी तथ्यों पर विचार करने के उपरांत अपने आदेश में कहा कि याची के विरुद्ध साक्ष्य हैं, तथा याची के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 82 के तहत फरारी की उद्घोषणा भी की जा चुकी है. उक्त टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

आत्म समर्पण पर सुनवाई
अरविंद सेन की आत्म समर्पण वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए विशेष जज, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संदीप गुप्ता ने 27 जनवरी की तारीख तय की थी. सोमवार को अरविंद सेन के अधिवक्ता ने एक अर्जी देते हुए कहा कि अभियुक्त आज बीमार है, लिहाजा अदालत में उपस्थित होने में असमर्थ है. उन्होंने कोई अन्य तारीख दिए जाने की मांग की. जिस पर अदालत ने उनकी अर्जी मंजूर करते हुए 27 जनवरी की तिथि तय की थी. आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने के बाद 9 फरवरी तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

क्या है मामला
इस मामले की एफआईआर 13 जून 2020 को इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. इस मामले में मोंटी गुर्जर, आशीष राय व उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था. अभियुक्तों पर कुटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी का आरोप है.

लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को खारिज कर दी थी. न्यायालय ने कहा कि पूरे मामले को देखने के बाद यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव ने पीसी थर्ड कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने के बाद 9 फरवरी तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविंद सेन की याचिका पर 20 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था, जिसे सोमवार को जारी किया गया था. याची का कहना था कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है व उसके विरुद्ध अब तक कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं. वहीं याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने तर्क दिया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि याची मुख्य अभियुक्त आशीष राय के साथ सक्रिय रूप से सम्मिलित था. उसने खुद को सीबीसीआईडी का अधिकारी बताकर मामले के वादी से मुलाकात की थी. उसे 35 लाख रुपये भी मिले थे. यही नहीं 10 लाख रुपये तो याची ने अपने बैंक खाते में मंगाए थे. याची की ओर से उक्त 10 लाख रुपये का कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया जा सका है. कहा गया कि याची वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है व पहले भी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर चुका है.

न्यायालय ने सभी तथ्यों पर विचार करने के उपरांत अपने आदेश में कहा कि याची के विरुद्ध साक्ष्य हैं, तथा याची के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 82 के तहत फरारी की उद्घोषणा भी की जा चुकी है. उक्त टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

आत्म समर्पण पर सुनवाई
अरविंद सेन की आत्म समर्पण वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए विशेष जज, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संदीप गुप्ता ने 27 जनवरी की तारीख तय की थी. सोमवार को अरविंद सेन के अधिवक्ता ने एक अर्जी देते हुए कहा कि अभियुक्त आज बीमार है, लिहाजा अदालत में उपस्थित होने में असमर्थ है. उन्होंने कोई अन्य तारीख दिए जाने की मांग की. जिस पर अदालत ने उनकी अर्जी मंजूर करते हुए 27 जनवरी की तिथि तय की थी. आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने के बाद 9 फरवरी तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

क्या है मामला
इस मामले की एफआईआर 13 जून 2020 को इंदौर के एक व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी. इस मामले में मोंटी गुर्जर, आशीष राय व उमेश मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था. अभियुक्तों पर कुटरचित दस्तोवजों व छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी का आरोप है.

Last Updated : Jan 27, 2021, 3:03 PM IST
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