लखनऊ: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और अन्य के खिलाफ गैंगरेप और जानमाल की धमकी के मामले की सुनवाई मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई. इस मामले में सुनवाई के दौरान एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने गवाही के लिए हाजिर नहीं होने पर गवाह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.
मंगलवार को इस मामले के अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत अन्य अभियुक्त जेल से अदालत में हाजिर हुए. अदालत में इस मामले की सुनवाई के दौरान गायत्री प्रजापति के वकील सुनील सिंह ने कहा कि गवाह जानबूझकर नहीं आ रहा है. लिहाजा उसके साक्ष्य का अवसर समाप्त कर अन्य दूसरे गवाह को तलब किया जाए.
विशेष अदालत ने इस पर अभियोजन को निर्देश दिया कि वह अगली तारीख पर गवाहों को पेश कराना सुनिश्चित करें. अदालत ने अपने इस आदेश की प्रति आवश्यक कार्यवाही के लिए पुलिस आयुक्त को भी भेजने का निर्देश दिया.
वहीं एक अन्य मामले में अभियुक्ता पुष्पा देवी और उसके पति भूजबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का कोर्ट ने आदेश दिया है. धोखाधड़ी के इस मामले में सूबे के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति भी अभियुक्त हैं. इस मामले की एफआईआर डॉ. नूतन ठाकुर ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक अभियुक्तों ने साजिशन नूतन और उनके पति आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ रेप का एक झूठा मुकदमा दर्ज कराया था.
विवेचना के उपरांत पुलिस ने इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था.