लखनऊ: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लोगों को पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण वो अलग-अलग माध्यमों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को भी समय पर मदद नहीं मिल पा रही है. बलरामपुर अस्पताल की सेवानिवृत्त मैट्रन को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिल रहा है. दूसरा मामला संविदा पर कार्यरत लैब टेक्नीशियन का है जिन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती तो कराया गया है, लेकिन उन्हें एल-3 ग्रेड के अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया जा सका है.
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने लैब टेक्नीशियन रितेश राज मिश्रा के लिए उचित इलाज की मांग की है. उन्होंने इसके लिए अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखा है. रितेश एक कर्मठ स्वास्थ्य कर्मचारी हैं जो पिछले 14 माह से लगातार बिना किसी अवकाश के सैंपल एकत्रित करने का कार्य कर रहे थे.
10 अप्रैल को हुए थे कोरोना संक्रमित
रितेश राज मिश्रा की तारीफ स्वास्थ्य मंत्री, यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश, लखनऊ प्रशासन एवं अनेक अन्य संगठन कर चुके हैं. रितेश बीते 10 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित हो गए थे. पहले तो उन्होंने अपने आप को आइसोलेट कर लिया था, लेकिन 16 अप्रैल को स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण उन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया. वर्तमान में उन्हें एल-3 ग्रेड अस्पताल की जरूरत है. इसके लिए कोविड कंट्रोल रूम लखनऊ द्वारा भेजे अनुरोध को विगत 2 दिनों से स्वीकार नहीं किया जा रहा है.
सीएम से लगाई मदद की गुहार
दो एल्डिको रायबरेली रोड निवासी कोरोना पॉजिटिव राकेश श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है. वीडियो में राकेश श्रीवास्तव रोते हुए लोहिया अस्पताल की लापरवाही का जिक्र कर रहे हैं जहां उन्हें एडमिट करने के बाद निकाल दिया गया.
इलाज के अभाव में महिला की मौत
समय पर मदद न मिलने के कारण रविवार को एक कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई. शहर के आलमबाग स्थित भीम नगर निवासी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि उनके बड़े भाई अशोक श्रीवास्तव (62) और भाभी नीरू श्रीवास्तव (52) कोरोना संक्रमित थे. भाभी की हालत बिगड़ने पर उन्होंने कोविड कमांड कंट्रोल रूम पर संपर्क किया और कोविड अस्पताल में भर्ती कराए जाने की गुहार लगाई, लेकिन कई बार फोन करने के बावजूद भी कंट्रोल रूम से उन्हें मदद नहीं मिली. लिहाजा इलाज न मिलने के कारण उनकी भाभी ने दम तोड़ दिया.