लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए चिकित्सक दिन रात मेहनत कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच अब हेल्थ केयर वर्कर्स में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कोरोना वायरस वार्ड में 14 दिनों की ड्यूटी में एक महिला हेल्थ केयर वर्कर समेत चार लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. लेकिन बेड की कमी से इन हेल्थ केयर वर्कर्स को भर्ती होने के लिए 1 दिन का इंतजार करना पड़ा.
केजीएमयू के नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य हेल्थ केयर वर्कर्स ने कोरोना वार्ड में 14 दिनों तक एक्टिव क्वारंटाइन के तहत ड्यूटी की और मरीजों की सेवा की. गाइडलाइंस के अनुसार 14 दिन के बाद हेल्थ केयर वर्कर्स का कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में 14 दिन तक ड्यूटी करने वाले दो नर्सों सहित चार हेल्थ केयर वर्कर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन इसके बावजूद बेड की कमी के चलते उन्हें कोरोना वायरस वार्ड में भर्ती होने की जगह नहीं मिली.
इनमें से एक नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि जब कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने भी हमारी मदद करने से मना कर दिया. बुधवार की शाम से ही हम कोरोना वार्ड के सर्जिकल तीन में बैठे हैं और इस इंतजार में हैं कि हमें बेड मिले और हमारा इलाज शुरू हो सके.
इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि हमारे हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए हम एक अलग से वार्ड बना रहे थे जिसमें कुछ वक्त लगा. इसी वजह से हेल्थ केयर वर्कर्स को इंतजार करना पड़ा. सभी संक्रमित हेल्थ केयर वर्कर्स को हमने उस नए वार्ड में भर्ती कर लिया है और उनका इलाज शुरू हो चुका है.
लखनऊ: KGMU की हेल्थ केयर वर्कर कोरोना संक्रमित - health worker infected from coronavirus
लखनऊ के केजीएमयू के कोरोना वायरस वार्ड में 14 दिनों की ड्यूटी में एक महिला हेल्थ केयर वर्कर समेत चार लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. लेकिन बेड की कमी से इन हेल्थ केयर वर्कर्स को भर्ती होने के लिए 1 दिन का इंतजार करना पड़ा.
लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए चिकित्सक दिन रात मेहनत कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच अब हेल्थ केयर वर्कर्स में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कोरोना वायरस वार्ड में 14 दिनों की ड्यूटी में एक महिला हेल्थ केयर वर्कर समेत चार लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. लेकिन बेड की कमी से इन हेल्थ केयर वर्कर्स को भर्ती होने के लिए 1 दिन का इंतजार करना पड़ा.
केजीएमयू के नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य हेल्थ केयर वर्कर्स ने कोरोना वार्ड में 14 दिनों तक एक्टिव क्वारंटाइन के तहत ड्यूटी की और मरीजों की सेवा की. गाइडलाइंस के अनुसार 14 दिन के बाद हेल्थ केयर वर्कर्स का कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में 14 दिन तक ड्यूटी करने वाले दो नर्सों सहित चार हेल्थ केयर वर्कर्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन इसके बावजूद बेड की कमी के चलते उन्हें कोरोना वायरस वार्ड में भर्ती होने की जगह नहीं मिली.
इनमें से एक नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि जब कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने भी हमारी मदद करने से मना कर दिया. बुधवार की शाम से ही हम कोरोना वार्ड के सर्जिकल तीन में बैठे हैं और इस इंतजार में हैं कि हमें बेड मिले और हमारा इलाज शुरू हो सके.
इस पूरे मामले पर केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि हमारे हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए हम एक अलग से वार्ड बना रहे थे जिसमें कुछ वक्त लगा. इसी वजह से हेल्थ केयर वर्कर्स को इंतजार करना पड़ा. सभी संक्रमित हेल्थ केयर वर्कर्स को हमने उस नए वार्ड में भर्ती कर लिया है और उनका इलाज शुरू हो चुका है.