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डॉ. कफील को BRD मामले में क्लीन चिट नहीं, प्रमुख सचिव चिकित्सा करेंगे जांच: स्वास्थ्य मंत्री

उत्तर प्रदेश के बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ. कफिल को क्लीन चीट नहीं मिलने की बात कही है. इतना ही नहीं डॉ. कफील पर एक और जांच बैठा दी गई है.

डॉ. कफील पर होगी एक और जांच.
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Published : Oct 4, 2019, 11:09 PM IST

लखनऊ: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ. कफिल को क्लीन चीट की बात को गलत बताया है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉ. कफील अहमद पर एक और जांच बैठा दी गई है. जांच की जिम्मेदारी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी को सौंपी गई है.

डॉ. कफील पर होगी एक और जांच.

दरअसल, डॉ. कफिल की क्लीन चिट मिलने की खबर कुछ मीडिया संस्थानों में छाई रही. वहीं डॉ. कफिल भी खुद को बेकसूर बताते हुए नजर आए. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले में प्रेस कॉन्फेंस कर मीडिया से बातचीत की. डॉक्टर कफील पर जबरन इलाज करने के आरोप में बहराइच कोतवाली में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह ने भी प्रमुख सचिव की बात को ही दोहराया. उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को क्लीन चिट नहीं दी गई है. इस पूरे मामले पर अब प्रमुख सचिव जांच करेंगे.

क्या है पूरा मामला
दरअसल इस पूरे मामले में डॉ. कफील पर आरोप है कि जांच आख्या की गलत व्याख्या कर खुद को शासन द्वारा दोषमुक्त करने की बात मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में बच्चों की आकस्मिक मृत्यु की घटना में तीन अधिकारी दोषी पाए गए थे. इनमें कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजीव कुमार मिश्रा, तत्कालीन आचार्य सतीश कुमार एनेस्थीसिया और डॉक्टर कफील अहमद तत्कालीन प्रवक्ता बाल रोग विभाग को निलंबित किया गया था. इसके बाद इस पूरे मामले पर जांच टीम गठित की गई थी.

लखनऊ: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ. कफिल को क्लीन चीट की बात को गलत बताया है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉ. कफील अहमद पर एक और जांच बैठा दी गई है. जांच की जिम्मेदारी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी को सौंपी गई है.

डॉ. कफील पर होगी एक और जांच.

दरअसल, डॉ. कफिल की क्लीन चिट मिलने की खबर कुछ मीडिया संस्थानों में छाई रही. वहीं डॉ. कफिल भी खुद को बेकसूर बताते हुए नजर आए. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले में प्रेस कॉन्फेंस कर मीडिया से बातचीत की. डॉक्टर कफील पर जबरन इलाज करने के आरोप में बहराइच कोतवाली में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह ने भी प्रमुख सचिव की बात को ही दोहराया. उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को क्लीन चिट नहीं दी गई है. इस पूरे मामले पर अब प्रमुख सचिव जांच करेंगे.

क्या है पूरा मामला
दरअसल इस पूरे मामले में डॉ. कफील पर आरोप है कि जांच आख्या की गलत व्याख्या कर खुद को शासन द्वारा दोषमुक्त करने की बात मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में बच्चों की आकस्मिक मृत्यु की घटना में तीन अधिकारी दोषी पाए गए थे. इनमें कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजीव कुमार मिश्रा, तत्कालीन आचार्य सतीश कुमार एनेस्थीसिया और डॉक्टर कफील अहमद तत्कालीन प्रवक्ता बाल रोग विभाग को निलंबित किया गया था. इसके बाद इस पूरे मामले पर जांच टीम गठित की गई थी.

Intro:नोट- चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव रजनीश दुबे की बाइट भी इसी स्लग के साथ wrap से भेज दी है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बीते दिनों बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के बाद डॉ कपिल पर शिकंजा कसा दिया गया था। लेकिन डॉ कपिल द्वारा खुद को इस आरोप से बेकसूर बताते हुए कई सामाजिक प्लेटफार्म पर खुद को निर्दोष बताया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले पर शब्द रूप में नजर आया है।




Body:गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के निलंबित प्रवक्ता डॉ कफील अहमद पर एक और जांच बिठा दी गई है। जांच की जिम्मेदारी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी को सौंपी गई है। डॉक्टर कफ़ील पर निलंबन की अवधि में जिला अस्पताल बहराइच में जबरन घुस कर इलाज करने व इस अवधि में सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी टिप्पणियां करने व निलंबन के दौरान चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक कार्यालय में योगदान ना देने का भी आरोप है। जिला अस्पताल बहराइच के डॉ कपिल पर बहराइच कोतवाली में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।तो वहीं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ इस पूरे मामले पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और एक बार फिर से डॉक्टर कफील पर दूसरी जांच बैठा दी गई है। वह इस पूरे मामले पर जब हमने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ जय प्रताप सिंह से बातचीत करी तो उन्होंने भी प्रमुख सचिव की बात को ही दोहराया उन्होंने कहा कि डॉ कपिल को क्लीन चिट नहीं दी गई है वह इस पूरे मामले पर अब प्रमुख सचिव मामले की जांच करेंगे।

क्या है मामला?

दरअसल इस पूरे मामले में डॉ कपिल पर आरोप है कि जांच आख्या की गलत व्याख्या कर दे खुद को शासन द्वारा दोषमुक्त करने के बाद मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं और वीडियो सोशल मीडिया पर भेज रहे है।गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में बच्चों की आकस्मिक मृत्यु की घटना में तीन अधिकारी दोषी पाए गए थे।इनमें कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजीव कुमार मिश्रा, तत्कालीन आचार्य सतीश कुमार एनेस्थीसिया ,डॉक्टर कफील अहमद तत्कालीन प्रवक्ता बाल रोग विभाग को निलंबित किया गया था। इसके बाद इस पूरे मामले पर जांच टीम गठित की गई थी।

बाइट- जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार
बाइट- रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा




Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय।
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