लखनऊ: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने डॉ. कफिल को क्लीन चीट की बात को गलत बताया है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित प्रवक्ता डॉ. कफील अहमद पर एक और जांच बैठा दी गई है. जांच की जिम्मेदारी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देवेश चतुर्वेदी को सौंपी गई है.
दरअसल, डॉ. कफिल की क्लीन चिट मिलने की खबर कुछ मीडिया संस्थानों में छाई रही. वहीं डॉ. कफिल भी खुद को बेकसूर बताते हुए नजर आए. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले में प्रेस कॉन्फेंस कर मीडिया से बातचीत की. डॉक्टर कफील पर जबरन इलाज करने के आरोप में बहराइच कोतवाली में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह ने भी प्रमुख सचिव की बात को ही दोहराया. उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को क्लीन चिट नहीं दी गई है. इस पूरे मामले पर अब प्रमुख सचिव जांच करेंगे.
क्या है पूरा मामला
दरअसल इस पूरे मामले में डॉ. कफील पर आरोप है कि जांच आख्या की गलत व्याख्या कर खुद को शासन द्वारा दोषमुक्त करने की बात मीडिया पर प्रसारित कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में बच्चों की आकस्मिक मृत्यु की घटना में तीन अधिकारी दोषी पाए गए थे. इनमें कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजीव कुमार मिश्रा, तत्कालीन आचार्य सतीश कुमार एनेस्थीसिया और डॉक्टर कफील अहमद तत्कालीन प्रवक्ता बाल रोग विभाग को निलंबित किया गया था. इसके बाद इस पूरे मामले पर जांच टीम गठित की गई थी.