लखनऊ: प्रदेश में डेंगू मरीजों की बढ़ रही संख्या पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार डेंगू को लेकर बेहद गंभीर है. सरकार ने डेंगू की रोकथाम के लिए और डेंगू मरीजों के उपचार के लिए बेहद गंभीरता से कई ठोस कदम उठाए हैं. प्रदेश में वर्ष 2016 में डेंगू के लगभग 15000 केस पाए गए थे और डेंगू रोग से कुल 42 मौत हुई थी, जबकि 2019 में कुल 9 मौतें हुई हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा
डेंगू की बीमारी मुख्यतः मानसून और मानसून के बाद के महीनों में फैलती है. इसमें चक्रीय प्रवृत्ति देखने को मिलती है. प्रत्येक तीन वर्ष के अंतराल पर डेंगू रोग के मामलों में वृद्धि देखी गई है. 2016 में जिस प्रकार से डेंगू के केस पाए गए थे, चक्रीय प्रवृत्ति को देखा जाए तो 2019 में उसी प्रकार से डेंगू के मरीजों के बढ़ने की आशंका थी, लेकिन हमारी सरकार ने बेहद गंभीरता से इस पर काम किया. वर्तमान में डेंगू केसों की संख्या काफी कम पाई गई.
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इस वर्ष अन्य की तुलना में डेंगू के मरीज हैं कम
इन प्रयासों के अंतर्गत मच्छर जनित रोगों से बचाव और रोकथाम के लिए तीन विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान फरवरी, जुलाई और सितंबर माह में व्यापक रूप से चलाए गए. फलस्वरूप 1 नवंबर 2019 तक प्रदेश में डेंगू रोग के कुल 5724 केस पाए गए हैं. कुल नौ मरीजों की मृत्यु हुई है, जो कि वर्ष 2016 की तुलना में काफी कम है. इस वर्ष लखनऊ में 1467, कानपुर नगर में 1169, प्रयागराज में 234, सहारनपुर में 216 और वाराणसी में 178 डेंगू से सर्वाधिक प्रभावित मरीज मिले हैं.
इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री देवेश चतुर्वेदी संग अपर मुख्य सचिव सूचना और गृह मंत्री अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे. अवनीश अवस्थी ने कहा कि सरकार ने डेंगू मरीजों की निशुल्क जांच की व्यवस्था की है. निजी क्षेत्र के अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज खून की जांच सरकारी केंद्रों पर करा सकते हैं.
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