लखनऊ : राजधानी में पिछले 15 दिनों से वायरल बुखार, खांसी और जुकाम के मरीज बढ़े हैं. सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में आम दिनों के मुकाबले करीब 40 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं. डॉक्टर इसे इन्फ्लुएंजा -ए का सब टाइप एच3एन2 वायरस बता रहे हैं. वायरस के लक्षणों वाले मरीजों की अस्पतालों में भीड़ लग रही है. डॉक्टर साधारण वायरल की तरह इसका इलाज कर रहे हैं. मरीज को ठीक होने में करीब 15 से 20 दिनों तक का समय लग रहा है. डॉक्टरों का मानना है कि होली में लोग एक-दूसरे के संपर्क में आए हैं. लिहाजा स्थिति और भी भयावह हो सकती है. इसकी जांच के लिए राजधानी में सिर्फ केजीएमयू में ही सुविधा उपलब्ध है.
सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 250 से अधिक मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर मरीजों में एक समान लक्षण देखने को मिल रहे हैं और सभी इन्फ्लुएंजा से पीड़ित हैं. बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 300 मरीज सर्दी-जुकाम व बुखार की शिकायत लेकर आ रहे हैं. डॉक्टर वायरल मानकर इलाज कर रहे हैं. ऐसे में मरीजों को जल्द राहत नहीं मिल पा रही है. बलरामपुर के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता के मुताबिक एच3 एन2 वायरस की जांच के लिए नमूने लेने के लिए कोई भी गाइड लाइन नहीं आई है. सिविल की ओपीडी में करीब 200 मरीज आ रहे हैं. इसमें कई मरीज सांस लेने की तकलीफ लेकर आ रहे हैं. लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर के मुताबिक जो मरीज गंभीर हालत में होंगे. उनकी जांच के लिए नमना अब केजीएमय भेजा जाएगा.
इन्फ्लूएंजा श्वसन तंत्र का एक संक्रामक रोग होता है. इसकी शुरुआत खांसी, जुकाम और हल्के बुखार के साथ होती है. इन्फ्लुएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक, आंख और मुंह से प्रवेश करता है. इसके अलावा इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति के खासने और छींकने पर अन्य व्यक्ति संपर्क में आता है तो यह वायरस फैल सकता है. केजीएमयू में ही एचएन वायरस के जांच की सुविधा है. माइक्रोबॉयोलाजी विभाग की प्रमुख प्रो. अमिता जैन के मुताबिक हर दिन करीब 10 से अधिक नमूने जांच के लिए आ रहे हैं. जांच के दौरान कई में एच3 एन2 वायरस की पुष्टि हुई है.
केजीएमयू में एच3एन2 के 15 केस : केजीएमयू में बीते एक माह में एच3एन2 वॉयरस के 15 केसों की पुष्टि हुई हैं. इस बात का खुलासा यहां की माइक्रोबॉयोलॉजी लैब की जांच में हुआ. राहत की बात यह है इन मरीजों में कोई गंभीर लक्षण नहीं मिले. उन्हें भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी. डेढ़ हफ्ते के इलाज बाद उन्हें राहत मिल गई. केजीएमयू में इन्फ्लुएंजा एच3एन2 की जांच की सुविधा है. केजीएमयू में प्रदेश भर से आ रहे 10 से 15 नमूनों की रोजाना आरटी- पीसीआर जांच हो रही है. पीजीआई के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में भी इसकी जांच शुरू हो गई है. इसके लिए वहां करीब 2400 रुपये लग रहे हैं. विभाग की डॉ. उज्ज्वला घोषाल ने बताया किट की मांग की गई है. किट मुहैया होने बाद संस्थान में यह जांच मुफ्त होगी.
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