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छात्राओं का हीमोग्लोबिन मापा, स्वास्थ्य का बताया महत्व

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Published : Feb 8, 2021, 1:32 PM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय ने तिलक हॉस्टल में आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया. इस शिविर का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया था. कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि संगीता राय, कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, अधिष्ठाता छात्र कल्याण पूनम टंडन आदि ने दीप जलाकर किया.

स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन
स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से नये कलेवर में आगे बढ़ने को तैयार हो रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की कार्यसंस्कृति के कारण ही यह संभव हो पा रहा है. यह विचार वक्ताओं ने तिलक हॉस्टल में आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर ‘सर्वे सन्तु निरामयाः’ के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए. इस शिविर का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया था.

स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन
स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

शिविर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने की. इसमें मुख्य अतिथि विवि के कुलपति की पत्नी संगीता राय थीं. शिविर का आयोजन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पूनम टंडन ने साईं हॉस्पिटल के सहयोग से कराया था. छात्राओं के हीमोग्लोबिन, रक्त और स्वास्थ्य की जांच के लिए यह शिविर तिलक हास्टल में आयोजित किया गया था. इसमें विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों से छात्राओं ने परामर्श प्राप्त किए. सर्वाधिक हीमोग्लोबिन 13.8 और औसतन 11 मापा गया.

श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है. इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि 'शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्'. विश्वविद्यालय की छात्राएं हमारे राष्ट्र और समाज की भविष्यनिधि हैं. रोग के प्रभावी होने से पहले ही स्वास्थ्य जांच कर इस निधि को सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है. सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय इस कार्य को प्रमुखता से कर रहा है.

175 छात्राओं की जांच हुई

तिलक हॉस्टल की प्रोवोस्ट डॉ. भुवनेश्वरी भारद्वाज ने कहा कि संसार में कोई भी कार्य करने का साधन शरीर ही है. इसीलिए धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि प्रतिदिन प्रातः काल उठकर शरीर की समस्याओं और उसके निवारण के लिए उपाय करने चाहिये. इस अवसर पर कुल 175 छात्राओं के हीमोग्लोबिन की जांच हुई.

ये लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम में रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला, चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पाण्डेय, चीफ प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार, निदेशक आईपीपीआर डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रो. नीरज जैन, प्रो. निशी पाण्डेय, प्रो. अमिता कनौजिया, कुलसचिव श्री विनोद कुमार सिंह, डॉ. अलका मिश्रा, डॉ. अनुपमा आदि मौजूद रहे. कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि संगीता राय, कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, अधिष्ठाता छात्र कल्याण पूनम टंडन आदि ने दीप जलाकर किया.

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से नये कलेवर में आगे बढ़ने को तैयार हो रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की कार्यसंस्कृति के कारण ही यह संभव हो पा रहा है. यह विचार वक्ताओं ने तिलक हॉस्टल में आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर ‘सर्वे सन्तु निरामयाः’ के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए. इस शिविर का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण लखनऊ विश्वविद्यालय ने किया था.

स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन
स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन

शिविर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने की. इसमें मुख्य अतिथि विवि के कुलपति की पत्नी संगीता राय थीं. शिविर का आयोजन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पूनम टंडन ने साईं हॉस्पिटल के सहयोग से कराया था. छात्राओं के हीमोग्लोबिन, रक्त और स्वास्थ्य की जांच के लिए यह शिविर तिलक हास्टल में आयोजित किया गया था. इसमें विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सकों से छात्राओं ने परामर्श प्राप्त किए. सर्वाधिक हीमोग्लोबिन 13.8 और औसतन 11 मापा गया.

श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए शारीरिक स्वास्थ्य जरूरी

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य श्रेष्ठ कार्य निष्पादन के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है. इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है कि 'शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्'. विश्वविद्यालय की छात्राएं हमारे राष्ट्र और समाज की भविष्यनिधि हैं. रोग के प्रभावी होने से पहले ही स्वास्थ्य जांच कर इस निधि को सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है. सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से लखनऊ विश्वविद्यालय इस कार्य को प्रमुखता से कर रहा है.

175 छात्राओं की जांच हुई

तिलक हॉस्टल की प्रोवोस्ट डॉ. भुवनेश्वरी भारद्वाज ने कहा कि संसार में कोई भी कार्य करने का साधन शरीर ही है. इसीलिए धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि प्रतिदिन प्रातः काल उठकर शरीर की समस्याओं और उसके निवारण के लिए उपाय करने चाहिये. इस अवसर पर कुल 175 छात्राओं के हीमोग्लोबिन की जांच हुई.

ये लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम में रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला, चीफ प्रोवोस्ट प्रो. नलिनी पाण्डेय, चीफ प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार, निदेशक आईपीपीआर डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव, प्रो. नीरज जैन, प्रो. निशी पाण्डेय, प्रो. अमिता कनौजिया, कुलसचिव श्री विनोद कुमार सिंह, डॉ. अलका मिश्रा, डॉ. अनुपमा आदि मौजूद रहे. कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि संगीता राय, कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, अधिष्ठाता छात्र कल्याण पूनम टंडन आदि ने दीप जलाकर किया.

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