लखनऊ. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष बुधवार को हाथरस मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई ने भरोसा दिलाया कि वह जांच पूरी कर 18 दिसम्बर तक चार्जशीट दाखिल कर देगी. वहीं न्यायालय ने एमिकस क्यूरी, सभी पक्षों के अधिवक्ताओं तथा सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी समेत हाथरस के जिलाधिकारी व एसपी को मीडिया और अन्य स्रोतों से आए फोटोज व वीडियो देखने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही न्यायालय ने बुधवार की सुनवाई के पश्चात अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने हाथरस मामले में स्वतः संज्ञान द्वारा ‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार’ टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर पारित किया. अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने बताया कि न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुपालन में सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच पूरी करने के उपरांत 18 दिसम्बर तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी. इस पर न्यायालय ने सीबीआई के अधिवक्ता को औपचारिक प्रार्थना पत्र देने के आदेश दिये हैं. वहीं न्यायालय ने एमिकस क्यूरी, सभी पक्षों के अधिवक्ता, राज्य सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी तथा हाथरस के जिलाधिकारी व एसपी को अंतिम संस्कार से संबंधित मीडिया व अन्य स्रोतों से आए फोटोज व वीडियोज देखने के आदेश दिये हैं.
मामले में पेश हो रहे एमिकस क्यूरी जेएन माथुर ने बताया कि न्यायालय ने 16 जनवरी को हाईकोर्ट के ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में उक्त वीडियोज व फोटोज देखने के आदेश दिये हैं. वहीं हाथरस जैसी घटना के पुनुरावृत्ति होने पर अंतिम संस्कार के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाने को लेकर एमिकस क्यूरी व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं को आपस में विचार विमर्श करने का भी आदेश दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.