अंबाला: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का जिन्न बाहर आ गया है. हरियाणा सरकार बिजनेसमैन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है. इस बात के संकेत खुद कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने दिए हैं.
अनिल विज ने दिए वाड्रा पर कार्रवाई के संकेत
अपने बयान में अनिल विज ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील मामले के लाइसेंस ट्रांसफर (सीएलयू) की जांच हो रही है. उन्होंने ये बयान ऐसे वक्त पर दिया है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं.
शाही जमाई राजा ने किए कई चमत्कार-विज
बता दें कि अपने बयान में अनिल विज ने कहा कि जब हरियाणा और केंद्र दोनों जगह कांग्रेस की सरकार थी. तब कांग्रेस के शाही जमाई राजा ने कई चमत्कार किए. इन चमत्कारों में उन्होंने एक चमत्कार गुरुग्राम के शिकोहपुर में भी किया. जहां उन्होंने 7 करोड़ रुपये में एक जमीन खरीदी और उसका चेंज ऑफ लैंड यूज परमिट भी हासिल कर लिया. CLU मिलने के तुरंत बाद उन्होंने वो जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दी. अब इसकी जांच होगी कि लाइसेंस ट्रांसफर की ये प्रक्रिया कानूनी तरीके से की गई थी या नहीं.
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क्या है रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ जमीन मामला ?
रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप है कि साल 2007 में उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के जरिए साढ़े 3 एकड़ जमीन 7 करोड़ में खरीदी. जब ये जमीन खरीदी गई तब हरियाणा में कांग्रेस की भूपेन्द्र हुड्डा सरकार थी. आरोप है कि तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नियम के खिलाफ इस जमीन को सीएलयू सर्टिफिकेट देकर कॉमर्शियल बना दिया. इसके बाद डीएलएफ ने स्काई लाइट कंपनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाते हुए इस जमीन को 58 करोड़ रुपये में खरीद लिया.