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हज नहीं जा पाए तो न हों मायूस, ये खबर आपके काम की है

कोरोना महामारी के चलते सऊदी सरकार ने हज यात्रा (Haj Yatra) के लिए बाहर से आने वाले जायरीनों (Jayareen) पर रोक लगा दी है. इससे उत्तर प्रदेश के हज जायरीनों में मायूसी है. हज यात्रा रद्द होने के बाद आवेदन कर चुके लोगों को आवेदन शुल्क वापस करने की कोशिशें अब शुरू हो गई हैं.

हज यात्रा 2021.
हज यात्रा 2021.
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Published : Jun 19, 2021, 6:31 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 6:43 PM IST

लखनऊः कोरोना महामारी ने मुसलमानों की पवित्र हज यात्रा (Haj Yatra) पर इस वर्ष भी गहरा असर पड़ है. सऊदी सरकार ने बाहरी मुल्क से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी है. जिसके चलते इस वर्ष सऊदी में पहले से रह रहे 60 हजार लोग ही हज कर सकेंगे. हज यात्रा रद्द होने के बाद आवेदन कर चुके लोगों को आवेदन शुल्क वापस करने की कोशिशें अब शुरू हो गई हैं. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुलाकात कर इसका प्रस्ताव दिया है.

भारत देश से तकरीबन 60 हजार लोगों ने इस वर्ष हज पर जाने के लिए आवेदन किया था, जिनकी प्रोसेसिंग फीस जमा हो चुकी थी. वहीं पिछले वर्ष भी 1 लाख 75 हजार लोगों ने हज पर जाने के लिए आवेदन किया था. कोरोना महामारी के चलते सऊदी अरब ने पिछले साल की तरह इस साल भी दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर हज की पाबंदी लगा दी है. जिससे तकरीबन 2 लाख 35 हजार आवेदकों का आवेदन शुल्क हज कमेटी में जमा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए जमाल सिद्दीकी ने हज आवेदकों के लिए चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पहले ही लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और हर घर से कई लोग हज के सफर के लिए आवेदन करते हैं. ऐसे में अगर हर किसी को आवेदन शुल्क वापस मिल जाएगा तो उसको राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि हज 2020 और हज 2021 के 2 लाख 35 हजार आवेदकों को आवेदन शुल्क के तीन-तीन सौ रुपये वापस दिलाए जाएंगे.

हज कमेटी ऑफ इंडिया ने पिछले वर्ष के यात्रियों को बिना किसी कटौती के हज खर्च की पूरी रकम लौटा दी थी, लेकिन यात्रियों को आवेदन फॉर्म राशि, जिसकी कीमत तीन-तीन सौ रुपये होती है, वह वापस नहीं दी गई थी. ऐसे में दोनों वर्ष के आवेदकों को यह रकम मिलने से इस कठिन समय में एक छोटी सी राहत मिल सकेगी.

पूरी दुनिया से इंडोनेशिया के बाद भारत को सबसे ज्यादा हज कोटा निर्धारित है. देश से तकरीबन 2 लाख आजमीन हर वर्ष हज करने जाते थे. भारत में सबसे ज्यादा यात्री उत्तर प्रदेश सूबे से सऊदी अरब के लिए रवाना होते थे. हालांकि कोरोना महामारी में इस वर्ष यह आंकड़ा बेहद कम रह गया. उत्तर प्रदेश हज समिति के अफसर ने बताया कि जहां कभी 60 हजार आवेदन आते थे तो वहीं इस वर्ष महज 6 हजार 391 लोगों ने आवेदन किया था. उन्होंने बताया कि यूपी में आवेदकों ने कोरोना की वैक्सीन भी लगवा ली थी, लेकिन हज रद्द होने के चलते सभी मायूस हैं.

लखनऊः कोरोना महामारी ने मुसलमानों की पवित्र हज यात्रा (Haj Yatra) पर इस वर्ष भी गहरा असर पड़ है. सऊदी सरकार ने बाहरी मुल्क से आने वाले यात्रियों पर रोक लगा दी है. जिसके चलते इस वर्ष सऊदी में पहले से रह रहे 60 हजार लोग ही हज कर सकेंगे. हज यात्रा रद्द होने के बाद आवेदन कर चुके लोगों को आवेदन शुल्क वापस करने की कोशिशें अब शुरू हो गई हैं. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पत्र लिखकर और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुलाकात कर इसका प्रस्ताव दिया है.

भारत देश से तकरीबन 60 हजार लोगों ने इस वर्ष हज पर जाने के लिए आवेदन किया था, जिनकी प्रोसेसिंग फीस जमा हो चुकी थी. वहीं पिछले वर्ष भी 1 लाख 75 हजार लोगों ने हज पर जाने के लिए आवेदन किया था. कोरोना महामारी के चलते सऊदी अरब ने पिछले साल की तरह इस साल भी दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर हज की पाबंदी लगा दी है. जिससे तकरीबन 2 लाख 35 हजार आवेदकों का आवेदन शुल्क हज कमेटी में जमा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए जमाल सिद्दीकी ने हज आवेदकों के लिए चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पहले ही लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं और हर घर से कई लोग हज के सफर के लिए आवेदन करते हैं. ऐसे में अगर हर किसी को आवेदन शुल्क वापस मिल जाएगा तो उसको राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि हज 2020 और हज 2021 के 2 लाख 35 हजार आवेदकों को आवेदन शुल्क के तीन-तीन सौ रुपये वापस दिलाए जाएंगे.

हज कमेटी ऑफ इंडिया ने पिछले वर्ष के यात्रियों को बिना किसी कटौती के हज खर्च की पूरी रकम लौटा दी थी, लेकिन यात्रियों को आवेदन फॉर्म राशि, जिसकी कीमत तीन-तीन सौ रुपये होती है, वह वापस नहीं दी गई थी. ऐसे में दोनों वर्ष के आवेदकों को यह रकम मिलने से इस कठिन समय में एक छोटी सी राहत मिल सकेगी.

पूरी दुनिया से इंडोनेशिया के बाद भारत को सबसे ज्यादा हज कोटा निर्धारित है. देश से तकरीबन 2 लाख आजमीन हर वर्ष हज करने जाते थे. भारत में सबसे ज्यादा यात्री उत्तर प्रदेश सूबे से सऊदी अरब के लिए रवाना होते थे. हालांकि कोरोना महामारी में इस वर्ष यह आंकड़ा बेहद कम रह गया. उत्तर प्रदेश हज समिति के अफसर ने बताया कि जहां कभी 60 हजार आवेदन आते थे तो वहीं इस वर्ष महज 6 हजार 391 लोगों ने आवेदन किया था. उन्होंने बताया कि यूपी में आवेदकों ने कोरोना की वैक्सीन भी लगवा ली थी, लेकिन हज रद्द होने के चलते सभी मायूस हैं.

Last Updated : Jun 19, 2021, 6:43 PM IST
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