लखनऊ: 400 साला गुरु तेग बहादुर साहिब प्रकाश पर्व संयुक्त कमेटी की ओर से लखनऊ के संपूर्ण गुरुद्वारा साहब के सहयोग से 2 दिन बाल संग्रहालय लान में प्रकाश पर्व मनाया जाएगा. शुक्रवार को हजरतगंज स्थित रॉयल कैफे में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई. जिसमें ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु तेग बहादर साहब, यहियागंज सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि पूरे 2 साल बाद इस कार्यक्रम को गुरूद्वारा मनाने जा रहा है. कोविड के चलते स्थिति असामान्य थी. जिसके चलते जनजीवन पर बेहद गहरा असर पड़ा था. मौजूदा समय में स्थिति सही है इसको देखते हुए गुरु तेगबहादुर साहब का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाने जा रहे हैं. इसमें लखनऊ के सभी गुरूद्वारे शामिल रहेगें. इस कार्यक्रम में सभी धर्म के लोगों की शामिल होगें. हर्ष व उल्लास के साथ कार्यक्रम का आयोजन होगा. शनिवार और रविवार को प्रकाश पर्व मनाया जाएगा.
सम्पूर्ण सिंह बग्गा ने बताया कि शनिवार को कार्यक्रम की शुरुआत होगी. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जाएगा. सावधानी बरतते हुए कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसमें यहियागंज गुरुद्वारा, गुरुद्वारा मानसरोवर, गुरु तेगबहादुर एलडीए कॉलोनी, चंदन नगर और शिव शांति आश्रम एकजुट होकर मना रहे हैं. मुख्य कार्यक्रम शनिवार व रविवार को आयोजित होगा. जिसमें चंदन नगर में शनिवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्यक्रम होगा. गुरु तेगबहादुर गुरुद्वारा में शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक कार्यक्रम आयोजित होगा और रविवार को गुरु तेगबहादुर साहब के प्रकाश पर्व बाल संग्राहलय में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. इसमें लखनऊ के सभी छोटे-बड़े गुरुद्वारा समेत हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्म के लोग एकजुट होकर प्रकाश पर्व मनाएंगे और आखिरी कार्यक्रम रविवार की शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक यहियागंज गुरुद्वारा में होगा. इस कार्यक्रम में बाहर से लोगों को कीर्तन भजन करने के लिए बुलाया गया है ताकि कार्यक्रम में कोई कसर न रह जाए. कोविड के बाद पहली बार प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. इसको लिए सभी लोगों में उत्सुकता है. सभी धर्म के लोग इस कार्यक्रम में शामिल होगें. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ गुरमीत सिंह, गुलशन जौहर भी मौजूद रहें.
'पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किए जाएगा ऐप'
उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी जल्द ही पंजाबी भाषा का प्रचार प्रसार करने के लिए एक ऐप लॉन्च करेगी. इस ऐप का मुख्य उद्देश्य पंजाबी भाषा को लोगों के बीच लोकप्रिय बनाना है. आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी ने कार्यक्रम का भी आयोजन किया. इस कार्यक्रम में पंजाबी भाषा से जुड़े साहित्यकारों को सम्मानित किया गया. साथ ही पंजाबी भाषा का राष्ट्र के उत्थान में योगदान को लेकर परिचर्चा भी की.
संस्था के उपाध्यक्ष गुरविंदर सिंह छाबड़ा ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही पंजाबी भाषा के लिए एक ऐप का उद्घाटन करेंगे. इस ऐप का उद्देश्य पंजाबी भाषा को प्रदेश मे जन-जन तक पहुंचाना है. उन्होंने कहा कि पंजाबी भाषा अपने आप में एक अलग महत्व रखती है, जिसे सभी को समझना और पढ़ना आना चाहिए. इस ऐप के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन पंजाबी भाषा पढ़ाई भी जाएगी. यूपी के किसी भी विश्वविद्यालय या महाविद्यालय में पंजाबी नहीं पढ़ाई जाती है. जबकि, लखनऊ और रूहेलखंड क्षेत्र में पंजाबियों और सिखों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए हमने शासन को डिग्री कोर्स में वैकल्पिक रूप से पंजाबी भाषा शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस संबंध में हम राज्यपाल से भी मिलेंगे.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जितने भी पंजाबी साहित्यकार हैं जो पंजाबी भाषा में कविता कहानी इत्यादि का लेखन करते हैं उनके सम्मान के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है ताकि यूपी में पंजाबी भाषा को भी महत्त्व दिया जाए और सम्मान की दृष्टि से देखा जाए. जहां तक मुझे लगता है यूपी में रहने वाले लोगों को पंजाबी भाषा कम समझ में आती है या यूं कह सकते हैं नहीं समझ में आती है, लेकिन अगर हम चाहे तो क्या नहीं सीख सकते हैं हर भाषा अपने राज्य के लिए एक अहम किरदार अदा करती है. हम बस इतना चाहते हैं इस कार्यक्रम के माध्यम से यूपी में जितने भी पंजाबी भाषा के साहित्यकार हैं उन्हें सम्मान मिले.
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