लखनऊ : प्रदेश की भाजपा सरकार ने इसी वर्ष फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था. इस तीन दिवसीय समिट में तैंतीस लाख पचास हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे और लगभग 19058 एमओयू साइन हुए थे. इन निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए प्रदेश सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारी में जुटी है. सरकारी तंत्र मंडलवार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी करना चाहता है, ताकि लोगों को उनके क्षेत्र में आने वाले उद्योगों के विषय में जानकारी मिल सके और निवेशकों की समस्याओं की अच्छी तरह निदान भी हो सके. इसी क्रम में बरेली मंडल में प्राप्त साढ़े तिरपन हजार करोड़ के ग्यारह सौ से ज्यादा निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी तेज हो गई है. दरअसल, यह सरकार की असल परीक्षा है. यदि निवेशक लौटकर आते हैं, तो यह सरकार की बड़ी सफलता होगी.
प्रदेश सरकार ने बड़ी ही तैयारी के साथ 12 फरवरी से तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समापन राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा किया गया था. सरकार को समिट में प्राप्त हुए तैंतीस लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों से प्रदेश में एक लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर प्राप्त होंगे और प्रदेश की बेरोजगारी की समस्या कम होगी. इसे लेकर सरकार कौशल विकास कार्यक्रमों पर भी खासा जोर दे रही है. प्रदेश सरकार ने निवेशकों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए 'निवेश सारथी' पोर्टल भी शुरू किया था. सरकार की मंशा है कि निवेशकों का हर काम समयबद्ध तरीके से हो जाए और उसमें कोई अनावश्यक बाधा न हो. इससे पहले प्राय: निवेशकों की ओर से शिकायतें रहती थीं कि नौकरशाही के कारण उनकी सुनवाई नहीं होती है. इस क्षेत्र में सरकार ने सुधार के काफी प्रयास किए हैं. आधारभूत ढांचे के क्षेत्र में भी काफी काम हुआ है.
बरेली मंडल में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में साढ़े तिरपन हजार करोड़ के ग्यारह सौ से ज्यादा निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारे जाने की तैयारी है. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए 11,105 करोड़ के 414 निवेश प्रस्ताव मिले हैं. इसके लिए सवा चार सौ औद्योगिक ईकाइयां ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए तैयार हो गई हैं. इसके अलावा करीब साढ़े तीन सौ औद्योगिक ईकाइयां और लगेंगी, जिनमें 29,113 करोड़ का निवेश होना है. इसके औपचारिकताएं पूरी किए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. शासन से कमिश्नरेट के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करें. उद्योगों के लिए भूमि की उपलब्धता, भू उपयोग परिवर्तन और बैंक लोन समेत अन्य विषयों का निस्तारण बिना बाधा अधिकारियों को कराना होगा.