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ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 40 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी - ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023

लखनऊ में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (Ground Breaking Ceremony in Lucknow) 40 हजार करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी योगी सरकार कर रही है.

Ground Breaking Ceremony in Lucknow Preparation for Investment Proposals worth 40 thousand crores
लखनऊ में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी Ground Breaking Ceremony in Lucknow ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 Global Investors Summit 2023
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Published : May 20, 2023, 8:17 AM IST

लखनऊ: योगी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (Global Investors Summit 2023) में आये 35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप विभिन्न विभागों ने सितंबर-अक्टूबर में प्रस्तावित पहले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए 8 लाख करोड़ के 5 हजार से अधिक एमओयू को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है, जबकि योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के माध्यम से दस लाख करोड़ से अधिक के एमओयू को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है.

इसी के तहत यूपीसीडा ने 40 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों ने भूमि प्राप्त कर ली है. वहीं पहले जीबीसी में 42,000 करोड़ के अन्य विभिन्न एमओयू को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया तेज चल रही है. इन निवेशकों द्वारा भूमि चिन्हित कर ली गयी है, जल्द इन्हें भी भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी. मालूम हो कि यूपीसीडा को जीबीसी के लिए 1.6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंडिंग (Ground Breaking Ceremony in Lucknow ) का लक्ष्य दिया गया है.


अब तक 44 जिलों में 199 निवेशकों ने जमीन प्राप्त की: यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यूपीजीआईएस-2023 में 600 निवेशकाें से कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. ऐसे में इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए इन्हे पांच कैटेगरी में बांटा गया, जिसमें एमएसएमई (50 करोड़ रुपये तक), बड़े (50-200 करोड़ रुपये), मेगा (200-500 करोड़ रुपये), सुपर मेगा (500-5,000 करोड़ रुपये) और अल्ट्रा मेगा (5,000 करोड़ रुपये से अधिक) के रूप में बांटा गया. इन एमओयू की समीक्षा के लिए तीन चरणों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. बुनियादी ढांचे को समय से बेहतर बनाने के लिए हर सेक्टर में काम किया जा रहा है. साथ ही निवेशकों की आवश्यकता के अनुसार भूमि मैप कर उपलब्ध करायी जा रही है.

निवेशकों की पहली पसंद बना चंदौली: पूरे प्रदेश में चार निवेशकों द्वारा सबसे अधिक चंदौली में 7,020 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है जबकि अमेठी में 4,761 करोड़ रुपये के निवेश वाली 30 इकाइयां हैं. इनमें 41 निवेशक लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में निवेश करेंगे जबकि 32 निवेशक निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करेंगे. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 28 अन्य निवेशक काम करेंगे. यह सभी निवेशक पूर्वांचल में सबसे ज्यादा निवेश कर रहे हैं, जहां 20,189 करोड़ रुपये के निवेश वाली 65 इकाइयां ग्राउंडिंग के लिए तैयार हैं. इन निवेशों का एक और बड़ा हिस्सा पश्चिमांचल में किया जा रहा है, जिसमें 12,051 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 70 इकाइयां स्थापित की जाएंगी.

मध्यांचल ने 5200 करोड़ रुपये के निवेश वाली 60 इकाइयों को आकर्षित किया है जबकि बुंदेलखंड 2872 करोड़ रुपये के निवेश के साथ चार इकाइयां उद्योग स्थापित के लिए तैयार हैं. इन इकाइयों से प्रदेश में 1,33,477 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. वहीं पश्चिमांचल में स्थापित इकाइयों से रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा होंगे. यहां सृजित होने वाली नौकरियों की संख्या 72,740 होगी जबकि पूर्वांचल क्षेत्र में निवेश करने वाली इकाईयों से 36135 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. मध्यांचल में रहने वाले लोगों से 22,702 नौकरियां पैदा होंगी जबकि बुंदेलखंड क्षेत्र की इकाइयों में 1,900 नौकरियां पैदा होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- अलीगढ़ में दारोगा की हत्या, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की हड्डी टूटने का खुलासा

लखनऊ: योगी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (Global Investors Summit 2023) में आये 35 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप विभिन्न विभागों ने सितंबर-अक्टूबर में प्रस्तावित पहले ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए 8 लाख करोड़ के 5 हजार से अधिक एमओयू को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है, जबकि योगी सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) के माध्यम से दस लाख करोड़ से अधिक के एमओयू को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है.

इसी के तहत यूपीसीडा ने 40 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए निवेशकों ने भूमि प्राप्त कर ली है. वहीं पहले जीबीसी में 42,000 करोड़ के अन्य विभिन्न एमओयू को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया तेज चल रही है. इन निवेशकों द्वारा भूमि चिन्हित कर ली गयी है, जल्द इन्हें भी भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी. मालूम हो कि यूपीसीडा को जीबीसी के लिए 1.6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंडिंग (Ground Breaking Ceremony in Lucknow ) का लक्ष्य दिया गया है.


अब तक 44 जिलों में 199 निवेशकों ने जमीन प्राप्त की: यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यूपीजीआईएस-2023 में 600 निवेशकाें से कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे. ऐसे में इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए इन्हे पांच कैटेगरी में बांटा गया, जिसमें एमएसएमई (50 करोड़ रुपये तक), बड़े (50-200 करोड़ रुपये), मेगा (200-500 करोड़ रुपये), सुपर मेगा (500-5,000 करोड़ रुपये) और अल्ट्रा मेगा (5,000 करोड़ रुपये से अधिक) के रूप में बांटा गया. इन एमओयू की समीक्षा के लिए तीन चरणों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. बुनियादी ढांचे को समय से बेहतर बनाने के लिए हर सेक्टर में काम किया जा रहा है. साथ ही निवेशकों की आवश्यकता के अनुसार भूमि मैप कर उपलब्ध करायी जा रही है.

निवेशकों की पहली पसंद बना चंदौली: पूरे प्रदेश में चार निवेशकों द्वारा सबसे अधिक चंदौली में 7,020 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है जबकि अमेठी में 4,761 करोड़ रुपये के निवेश वाली 30 इकाइयां हैं. इनमें 41 निवेशक लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में निवेश करेंगे जबकि 32 निवेशक निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करेंगे. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 28 अन्य निवेशक काम करेंगे. यह सभी निवेशक पूर्वांचल में सबसे ज्यादा निवेश कर रहे हैं, जहां 20,189 करोड़ रुपये के निवेश वाली 65 इकाइयां ग्राउंडिंग के लिए तैयार हैं. इन निवेशों का एक और बड़ा हिस्सा पश्चिमांचल में किया जा रहा है, जिसमें 12,051 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 70 इकाइयां स्थापित की जाएंगी.

मध्यांचल ने 5200 करोड़ रुपये के निवेश वाली 60 इकाइयों को आकर्षित किया है जबकि बुंदेलखंड 2872 करोड़ रुपये के निवेश के साथ चार इकाइयां उद्योग स्थापित के लिए तैयार हैं. इन इकाइयों से प्रदेश में 1,33,477 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. वहीं पश्चिमांचल में स्थापित इकाइयों से रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा होंगे. यहां सृजित होने वाली नौकरियों की संख्या 72,740 होगी जबकि पूर्वांचल क्षेत्र में निवेश करने वाली इकाईयों से 36135 रोजगार के अवसर पैदा होंगे. मध्यांचल में रहने वाले लोगों से 22,702 नौकरियां पैदा होंगी जबकि बुंदेलखंड क्षेत्र की इकाइयों में 1,900 नौकरियां पैदा होने की संभावना है.

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