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मां के आंसू के सामने खाकी का नहीं पसीजा दिल, दर-दर भटकने पर किया मजबूर

बीते वर्ष 2021 में लखनऊ के मड़ियांव थाने के सामने टक्कर लगने से एक बच्चे की मौत हो गई थी. पुलिस ने टक्कर मारने वाले वाहन का नाम और नंबर जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे परिजनों में निराशा छाई हुई है.

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मड़ियांव पुलिस स्टेशन
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Published : Apr 12, 2022, 4:00 PM IST

Updated : Apr 12, 2022, 5:16 PM IST

लखनऊः राजधानी के मड़ियांव पुलिस स्टेशन की घोर लापरवाही सामने आई है. 18 सितंबर 2021 को सड़क दुर्घटना में हुई बच्चे की मौत को लेकर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. परिजनों के कड़ी कार्रवाई की मांग करने पर पुलिस 4 महीने तक टालमोटल करती रही. इसके बाद पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री, स्थानीय विधायक व अधिकारियों को शिकायत करने पर 4 महीने बाद मड़ियांव पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर खातापूर्ति की है.

मां के आंसू के सामने खाकी का नहीं पसीजा दिल, दर-दर भटकने पर किया मजबूर

दरअसल, 18 सितंबर 2021 की शाम हिमांशु (13) साइकिल पर छोटा गैस लेकर पिता को ठेले पर देने जा रहा था. उसी दौरान अपाचे बाइक ने मड़ियांव थाने गेट के सामने जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर से हिमांशु गंभीर रूप से घायल हो गया. वहीं, मौके पर मौजूद अपरिचित लड़की और दो कांस्टेबल घायल बच्चे को चंद्रा हॉस्पिटल ले गए. इसके बाद घटना की जानकारी परिजनों को दी गई. परिजनों ने वहां से हालत बिगड़ती देख बाघा हॉस्पिटल ले गए. वहीं, इलाज के दौरान हिमांशु की मौत हो गई.

पढ़ेंः रोहतक में मारुति के रिसर्च सेंटर में लगी, 2 श्रमिकों की हुई मौत

मड़ियांव थाना के गेट के सामने मासूम की एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाने के बाद कार्रवाई को लेकर पुलिस टालमटोल करती रही. पीड़िता बबली को पुलिस 4 माह तक सीसीटीवी फुटेज व साक्ष्य का हवाला देकर अपनी कमियों को छुपाने में जुटी रही. परिजनों का कहना है कि घटना के समय एक सिपाही और होमगार्ड मौके पर मौजूद थे. उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों ने बाइक के नंबर और नाम नोट किया लेकिन मौके से ही बाइक सवार को छोड़ दिया.

मृतक हिमांशु कक्षा 5 का छात्र था. इसके पिता जितेंद्र सिंह मड़ियाव चौराहे पर ठेला लगाते हैं. उसकी माता बबली आया का काम करती हैं. इन दंपती से हिमांशु एकलौता पुत्र था. अब इस मामले में मां न्याय की आस लेकर दर-दर भटक रही है. पीड़ित बबली ने बताया कि उच्च अधिकारी डीसीपी, कमिश्नर, मुख्यमंत्री सहित जगह-जगह शिकायत की. स्थानीय विधायक से भी शिकायत की. वहीं, 4 महीने बीत जाने के बाद जब स्थानीय विधायक डॉक्टर नीरज बोरा ने मामले का संज्ञान लिया तो पुलिस ने मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया लेकिन कार्यवाही के नाम पर टरकाती रही.

फोन से एडीसीपी प्राची सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की लापरवाही को लेकर संज्ञान लिया जाएगा. इसकी जांच करके जो भी इस लापरवाही में संलिप्त है, उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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लखनऊः राजधानी के मड़ियांव पुलिस स्टेशन की घोर लापरवाही सामने आई है. 18 सितंबर 2021 को सड़क दुर्घटना में हुई बच्चे की मौत को लेकर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. परिजनों के कड़ी कार्रवाई की मांग करने पर पुलिस 4 महीने तक टालमोटल करती रही. इसके बाद पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री, स्थानीय विधायक व अधिकारियों को शिकायत करने पर 4 महीने बाद मड़ियांव पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर खातापूर्ति की है.

मां के आंसू के सामने खाकी का नहीं पसीजा दिल, दर-दर भटकने पर किया मजबूर

दरअसल, 18 सितंबर 2021 की शाम हिमांशु (13) साइकिल पर छोटा गैस लेकर पिता को ठेले पर देने जा रहा था. उसी दौरान अपाचे बाइक ने मड़ियांव थाने गेट के सामने जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर से हिमांशु गंभीर रूप से घायल हो गया. वहीं, मौके पर मौजूद अपरिचित लड़की और दो कांस्टेबल घायल बच्चे को चंद्रा हॉस्पिटल ले गए. इसके बाद घटना की जानकारी परिजनों को दी गई. परिजनों ने वहां से हालत बिगड़ती देख बाघा हॉस्पिटल ले गए. वहीं, इलाज के दौरान हिमांशु की मौत हो गई.

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मड़ियांव थाना के गेट के सामने मासूम की एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाने के बाद कार्रवाई को लेकर पुलिस टालमटोल करती रही. पीड़िता बबली को पुलिस 4 माह तक सीसीटीवी फुटेज व साक्ष्य का हवाला देकर अपनी कमियों को छुपाने में जुटी रही. परिजनों का कहना है कि घटना के समय एक सिपाही और होमगार्ड मौके पर मौजूद थे. उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों ने बाइक के नंबर और नाम नोट किया लेकिन मौके से ही बाइक सवार को छोड़ दिया.

मृतक हिमांशु कक्षा 5 का छात्र था. इसके पिता जितेंद्र सिंह मड़ियाव चौराहे पर ठेला लगाते हैं. उसकी माता बबली आया का काम करती हैं. इन दंपती से हिमांशु एकलौता पुत्र था. अब इस मामले में मां न्याय की आस लेकर दर-दर भटक रही है. पीड़ित बबली ने बताया कि उच्च अधिकारी डीसीपी, कमिश्नर, मुख्यमंत्री सहित जगह-जगह शिकायत की. स्थानीय विधायक से भी शिकायत की. वहीं, 4 महीने बीत जाने के बाद जब स्थानीय विधायक डॉक्टर नीरज बोरा ने मामले का संज्ञान लिया तो पुलिस ने मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया लेकिन कार्यवाही के नाम पर टरकाती रही.

फोन से एडीसीपी प्राची सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की लापरवाही को लेकर संज्ञान लिया जाएगा. इसकी जांच करके जो भी इस लापरवाही में संलिप्त है, उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Apr 12, 2022, 5:16 PM IST
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