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हरी सब्जियों के दाम स्थिर, प्याज रुलाने की तैयारी में, जानें आज का भाव

सब्जियों की बढ़ती महंगाई ने आम जनता की जेब ढीली कर रखी है. सब्जियों की बढ़ती कीमतें मुश्किलें बढ़ाती जा रही हैं. वहीं प्याज ने भी अब रुलाने का मन बना लिया है. पिछले कई महीनों से प्याज के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही थी, लेकिन हफ्ते भर में ही दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यह आम आदमी की चिंता बढ़ा रहा है.

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Published : Nov 12, 2022, 6:42 AM IST

लखनऊ : सब्जियों की बढ़ती महंगाई (rising prices of vegetables) ने आम जनता की जेब ढीली कर रखी है. सब्जियों की बढ़ती कीमतें मुश्किलें बढ़ाती जा रही हैं. वहीं प्याज (Onion) ने भी अब रुलाने का मन बना लिया है. पिछले कई महीनों से प्याज के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही थी, लेकिन हफ्ते भर में ही दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यह आम आदमी की चिंता बढ़ा रहा है.

महंगाई के चलते आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब हैं. आलम यह है कि रोजाना की जरूरत के सामानों के साथ सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं. सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. व्यापरियों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई (vegetable crops destroyed) हैं. इसलिए सब्जियों के दामों में गिरावट (Vegetable prices fall) नहीं आ रही है.

इसके अलावा इस बार मौसम की बेरुखी की वजह से सब्जियों की पैदावार (vegetable production) भी कम हुई. यह कारण है कि बाजार और मंडियों में सब्जियां कम आ रही हैं. इससे दाम आसमान छू रहे हैं. शनिवार (12 नवंबर) को यूपी की मंडियों में सब्जियों का भाव इस प्रकार रहा. आलू रु 25 किग्रा, प्याज रु 40 किलो, टमाटर रु 60 किलो, नीबू रु 80 किलो, कद्दू रु 25 किलो, लौकी रु 30 किलो, पालक रु 40 किलो, भिंडी रु 40 किलो, मिर्च रु 70 किलो, गोभी रु 30 रु/पीस, तरोई रु 40 किलो, लहसुन रु 60 किलो, करेला रु 50 किलो, परवल रु 80 किलो, सेम रु 100 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 120 किलो में बिका.

यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने कहा, मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार कर रहे हैं, प्रदेश में नहीं थम रहा डेंगू

लखनऊ : सब्जियों की बढ़ती महंगाई (rising prices of vegetables) ने आम जनता की जेब ढीली कर रखी है. सब्जियों की बढ़ती कीमतें मुश्किलें बढ़ाती जा रही हैं. वहीं प्याज (Onion) ने भी अब रुलाने का मन बना लिया है. पिछले कई महीनों से प्याज के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही थी, लेकिन हफ्ते भर में ही दामों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यह आम आदमी की चिंता बढ़ा रहा है.

महंगाई के चलते आम आदमी की थाली से हरी सब्जियां गायब हैं. आलम यह है कि रोजाना की जरूरत के सामानों के साथ सब्जियों के भाव भी आसमान छू रहे हैं. सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. व्यापरियों का कहना है कि ज्यादा बारिश होने के कारण सब्जियों की फसलें बर्बाद हुई (vegetable crops destroyed) हैं. इसलिए सब्जियों के दामों में गिरावट (Vegetable prices fall) नहीं आ रही है.

इसके अलावा इस बार मौसम की बेरुखी की वजह से सब्जियों की पैदावार (vegetable production) भी कम हुई. यह कारण है कि बाजार और मंडियों में सब्जियां कम आ रही हैं. इससे दाम आसमान छू रहे हैं. शनिवार (12 नवंबर) को यूपी की मंडियों में सब्जियों का भाव इस प्रकार रहा. आलू रु 25 किग्रा, प्याज रु 40 किलो, टमाटर रु 60 किलो, नीबू रु 80 किलो, कद्दू रु 25 किलो, लौकी रु 30 किलो, पालक रु 40 किलो, भिंडी रु 40 किलो, मिर्च रु 70 किलो, गोभी रु 30 रु/पीस, तरोई रु 40 किलो, लहसुन रु 60 किलो, करेला रु 50 किलो, परवल रु 80 किलो, सेम रु 100 किलो, शिमला मिर्च रु 60 किलो, धनिया रु 120 किलो में बिका.

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