लखनऊ : परिवहन विभाग ने दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों को बड़ी राहत दी है. विभाग की सौगात से वाहन स्वामियों को बड़ा लाभ मिलेगा. सूत्रों के मुताबिक, विभाग की तरफ से 15 साल पुराने वाहनों के पुनः पंजीयन पर दो प्रतिशत ग्रीन टैक्स लेने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. शासन ने ये प्रस्ताव खारिज कर दिया है. इससे प्रदेश भर में लाखों की संख्या में वाहन स्वामियों को लाभ मिलेगा. लखनऊ में 31 जुलाई तक 15 साल पूरे करने वाले वाहनों की संख्या छह लाख हो चुकी है.
वाहन मालिकों से अभी तक ग्रीन टैक्स के नाम पर 10 फीसदी टैक्स वसूला जा रहा है. ऐसे में विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के पास होने पर बाइक चालकों को 600 रुपये और कार मालिकों पर दो हजार रुपये तक का लोड बढ़ जाता है. परिवहन विभाग की ओर से वाहनों के पुनः पंजीकरण के दौरान लगने वाले ग्रीन टैक्स की दरों में बढ़ोतरी के इस प्रस्ताव को हाल ही में खारिज किया गया है. हालांकि, इससे विभाग का राजस्व प्रभावित होगा, लेकिन वाहन चालकों को लाभ होगा. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 'ग्रीन टैक्स के इस प्रस्ताव को स्थायी तौर पर खारिज किया गया है या फिलहाल स्थगित किया गया है, इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.'
गौरतलब है कि एक अप्रैल 2022 से 15 साल पुराने वाहनों के पुनः पंजीकरण की फीस बढ़ी थी. ऐसे में अब दो प्रतिशत ग्रीन टैक्स बढ़ाने की योजना थी. अधिकारी बताते हैं कि '50 हजार रुपये तक की बाइक पर 880 रुपये ग्रीन टैक्स, एक लाख की बाइक पर 1,760 रुपये व डेढ़ लाख की बाइक पर 2,660 रुपये ग्रीन टैक्स लेने की योजना प्रस्ताव में थी. ऐसे ही कार मालिकों के लिए पांच लाख की कार लेने पर 4,800 ग्रीन टैक्स, 10 लाख की कार पर 9,600 व 15 लाख की कार पर 14,400 रुपये ग्रीन टैक्स देना पड़ता, जिससे सहूलियत मिल गई है.'
परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि 'शासन को 15 साल पुराने वाहनों के पुनः पंजीकरण पर दो फीसद ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे खारिज कर दिया गया है. अब आगे यह ग्रीन टैक्स लागू होगा या नहीं फिलहाल अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा.