ETV Bharat / state

रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती को लेकर राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट, केजीएमयू में मचा हड़कंप

author img

By

Published : Sep 6, 2019, 11:06 PM IST

राजधानी के केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती की रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मांगी है. दरअसल केजीएमयू में डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर आरोप लगाया गया था कि नियुक्ति में आरक्षण की अनदेखी की जा रही है. इसे लेकर सीएम और राज्यपाल को पत्र लिखा गया था.

राज्यपाल ने केजीएमयू में डॉक्टरों की भर्ती का मांगा रिपोर्ट

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती की रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तलब की है. बताया जा रहा है कि केजीएमयू में रेजिडेंट भर्ती मामले में आरक्षण की अनदेखी की गई थी जिसके बाद यह मामला काफी गरमाया हुआ था.

केजीएमयू के प्रवक्ता से बातचीत.

इसे भी पढ़ें :- राजधानी लखनऊ में दिखा नए मोटर व्हीकल एक्ट का असर, घटने लगी चालानों की संख्या

रेजिडेंट डॉक्टर भर्ती मामले में केजीएमयू में मचा हड़कंप

दरअसल केजीएमयू में बीते दिनों 312 सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति हुई थी. इसके बाद आरोप लगा था कि नियुक्ति में आरक्षण की अनदेखी की गई है. कई आरक्षण संघों ने इस मामले को लेकर कई सवाल उठाये थे और केजीएमयू प्रशासन को पत्र भी लिखा था.

इस दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी पत्र भेजकर आरोप लगाया गया कि पदों के निर्धारण में रोस्टर की अनदेखी की गई. आरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार जारी स्तर के तहत अधिक से अधिक विभाग में 16 पद रिक्त हैं. पहले वर्ष सभी पद अनारक्षित रहेंगे और अगले वर्ष अन्य पिछड़ा वर्ग और पांचवां और छठवां वर्ष सामान्य वर्ग के लिए होना चाहिए.

इस तरह पिछड़े वर्ग का 27 फीसदी, अनुसूचित जाति का 21 फीसदी और अनुसूचित जनजाति को दो फीसदी आरक्षण मिल पाएगा. प्रदेश सरकार जूनियर एजेंट की नियुक्ति भी रोस्टर के अनुसार कर रही है. इसके बाद पिछड़ा वर्ग महासंघ प्रतिनिधि मंडल ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी. अब राज्यपाल ने पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है.

लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती की रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तलब की है. बताया जा रहा है कि केजीएमयू में रेजिडेंट भर्ती मामले में आरक्षण की अनदेखी की गई थी जिसके बाद यह मामला काफी गरमाया हुआ था.

केजीएमयू के प्रवक्ता से बातचीत.

इसे भी पढ़ें :- राजधानी लखनऊ में दिखा नए मोटर व्हीकल एक्ट का असर, घटने लगी चालानों की संख्या

रेजिडेंट डॉक्टर भर्ती मामले में केजीएमयू में मचा हड़कंप

दरअसल केजीएमयू में बीते दिनों 312 सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति हुई थी. इसके बाद आरोप लगा था कि नियुक्ति में आरक्षण की अनदेखी की गई है. कई आरक्षण संघों ने इस मामले को लेकर कई सवाल उठाये थे और केजीएमयू प्रशासन को पत्र भी लिखा था.

इस दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी पत्र भेजकर आरोप लगाया गया कि पदों के निर्धारण में रोस्टर की अनदेखी की गई. आरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार जारी स्तर के तहत अधिक से अधिक विभाग में 16 पद रिक्त हैं. पहले वर्ष सभी पद अनारक्षित रहेंगे और अगले वर्ष अन्य पिछड़ा वर्ग और पांचवां और छठवां वर्ष सामान्य वर्ग के लिए होना चाहिए.

इस तरह पिछड़े वर्ग का 27 फीसदी, अनुसूचित जाति का 21 फीसदी और अनुसूचित जनजाति को दो फीसदी आरक्षण मिल पाएगा. प्रदेश सरकार जूनियर एजेंट की नियुक्ति भी रोस्टर के अनुसार कर रही है. इसके बाद पिछड़ा वर्ग महासंघ प्रतिनिधि मंडल ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी. अब राज्यपाल ने पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है.

Intro:


राजधानी लखनऊ की केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती का मामला गरमाया हुआ है। इस बीच राजपाल आनंदीबेन पटेल ने भी रेसिडेंट डॉक्टर भर्ती मामले में केजीएमयू से रिपोर्ट तलब की है।बताया जा रहा है केजीएमयू में रेजिडेंट भर्ती मामले में आरक्षण की अनदेखी की गई थी। उसके बाद यह मामला काफी गरमाया हुआ था।




Body:दरअसल के केजीएमयू में बीते दिनों 312 सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति की गई थी। आरोप उस पूरे मामले में यह लगा था कि आरक्षण के अनदेखी की रेसिडेंट डॉक्टर की भर्ती में की गई है।कई आरक्षण संघों ने इस मामले को लेकर कई सवाल उठाए थे और केजीएमयू प्रशासन को भी इस पूरे मामले को लेकर के पत्र लिखा था। मामला इतना तूल पकड़ा की इस दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी पत्र भेजकर आरोप लगाया गया कि पदों के निर्धारण में रोस्टर के अनदेखी की गई। दरअसल आरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार जाटी स्तर के तहत अधिक से विभाग में 16 पद हैं। तो पहले वर्ष सभी पद अनारक्षित रहेंगे।लेकिन अगले वर्ष तथा अन्य पिछले वर्ग और पांचवा, छठवां सामान्य वर्ग के लिए होना चाहिए। इस तरह पिछड़े वर्ग का 27 फीसदी, अनुसूचित जाति का 21 फीसदी थी और अनुसूचित जनजाति को दो फीसदी आरक्षण मिल पाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार जूनियर एजेंट की नियुक्ति भी रोस्टर के अनुसार कर रही है। इसके बाद पिछड़ा वर्ग महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी और अब राज्यपाल ने पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब करने के बाद केजीएमयू में हड़कंप मचा हुआ है। वही इस पूरे मामले पर हमने केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह से बातचीत करी तो उन्होंने से संबंधित तमाम जानकारी हमसे साझा करें

बाइट- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू





Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.