लखनऊ: राजधानी के केजीएमयू में रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती की रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने तलब की है. बताया जा रहा है कि केजीएमयू में रेजिडेंट भर्ती मामले में आरक्षण की अनदेखी की गई थी जिसके बाद यह मामला काफी गरमाया हुआ था.
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रेजिडेंट डॉक्टर भर्ती मामले में केजीएमयू में मचा हड़कंप
दरअसल केजीएमयू में बीते दिनों 312 सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति हुई थी. इसके बाद आरोप लगा था कि नियुक्ति में आरक्षण की अनदेखी की गई है. कई आरक्षण संघों ने इस मामले को लेकर कई सवाल उठाये थे और केजीएमयू प्रशासन को पत्र भी लिखा था.
इस दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी पत्र भेजकर आरोप लगाया गया कि पदों के निर्धारण में रोस्टर की अनदेखी की गई. आरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार जारी स्तर के तहत अधिक से अधिक विभाग में 16 पद रिक्त हैं. पहले वर्ष सभी पद अनारक्षित रहेंगे और अगले वर्ष अन्य पिछड़ा वर्ग और पांचवां और छठवां वर्ष सामान्य वर्ग के लिए होना चाहिए.
इस तरह पिछड़े वर्ग का 27 फीसदी, अनुसूचित जाति का 21 फीसदी और अनुसूचित जनजाति को दो फीसदी आरक्षण मिल पाएगा. प्रदेश सरकार जूनियर एजेंट की नियुक्ति भी रोस्टर के अनुसार कर रही है. इसके बाद पिछड़ा वर्ग महासंघ प्रतिनिधि मंडल ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी. अब राज्यपाल ने पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है.