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आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक आहार दें: राज्यपाल

राजभवन में बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित प्रजेंटेशन के अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक आहार दें. महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार पोषण सामग्री का वितरण आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जाए.

आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक आहार दें
आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को गर्म एवं पौष्टिक आहार दें
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Published : Jan 8, 2021, 3:12 PM IST

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के सभी जिलों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार पोषण सामग्री का वितरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. राज्यपाल ने राजभवन में बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित प्रजेंटेशन के अवसर पर यह निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि एक टाइम आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषण मिलना आवश्यक है. यदि जरूरी हो तो महिला स्वयं सहायता समूहों को अग्रिम भुगतान की व्यवस्था की जाए.

केंद्रों पर खाना पकाने के लिए जरूरी सामान हों
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खाना पकाने के लिए जरूरी सामग्री जैसे एलपीजी गैस, बर्तन और खाद्य सामग्री भी दी जाए. ताकि गर्म एवं ताजा पौष्टिक आहार बच्चों को उपलब्ध कराया जा सके. उन्होंने कहा कि जहां कहीं अक्षय पात्र संस्थाएं हैं, वहां पर उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं.

निर्माण क्षेत्र की श्रमिक महिलाओं की नियमित हो जांच
राज्यपाल ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में जो श्रमिक महिलाएं कार्य कर रही हैं, उनकी भी नियमित जांच की व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमियां की शिकार हैं. ऐसी गर्भवती महिलाओं से जो बच्चे पैदा होते हैं, वे जन्म से ही कुपोषण के शिकार हो जाते हैं. अतः हमें जच्चा एवं बच्चा दोनों के उचित पोषण पर गंभीतापूर्वक ध्यान देना है. इस कार्य के लिये हमें अपने आंगनबाड़ी केन्द्रों को मजबूती देने के साथ-साथ उन्हें आवश्यक संसाधन देने ही होंगे. ये कार्य हमें अच्छी सोच के साथ करने हैं.

हर क्षेत्र में आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र हों
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमें हर क्षेत्र में आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाना चाहिए. साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर फल व सब्जी वाटिका को भी प्राथमिकता से तैयार करें, इससे जैविक सब्जियां प्राप्त होंगी. साथ ही इससे पौष्टिक आहार भी मिलेगा. राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर गुड़, चना भी वितरित करने का सुझाव सम्बन्धितों को दिया. उन्होंने कहा कि उचित होगा कि पोषाहार वितरण के समय ग्रामीणों की जनसहभागिता के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहें.

उन्नाव-फतेहपुर में पोषण निर्माण यूनिटों की स्थापना हुई
निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि वर्तमान में 18 जनपदों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पोषण वितरण का कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के उन्नाव और फतेहपुर में पोषण निर्माण यूनिटों की स्थापना की जा चुकी है और उत्पादन शुरू हो गया है. अन्य जिलों में कार्य प्रगति पर है.

प्रदेश में 1,89,204 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 1 लाख 89 हजार 204 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिसमें से 66 प्रतिशत केन्द्र में बिजली, 91.4 प्रतिशत केन्द्रों में स्वच्छ शौचालय और 95.6 प्रतिशत केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि अब आगनबाड़ी केन्द्रों पर फस्ट एण्ड बाक्स, दर्पण, वजन मापक यंत्र की सुविधा, साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र पर बाल पेंटिंग भी कराई जा रही है. ताकि केंद्रों को वाराणसी के सेवापुरी माॅडल के अनुसार विकसित एवं सुसज्जित बनाया जा सके. इस अवसर पर बाल विकास पुष्टाहार मंत्री स्वाती सिंह, अपर मुख्य सचिव बाल विकास राधा एस चौहान सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद थे.

लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेश के सभी जिलों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से तैयार पोषण सामग्री का वितरण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. राज्यपाल ने राजभवन में बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित प्रजेंटेशन के अवसर पर यह निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि एक टाइम आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषण मिलना आवश्यक है. यदि जरूरी हो तो महिला स्वयं सहायता समूहों को अग्रिम भुगतान की व्यवस्था की जाए.

केंद्रों पर खाना पकाने के लिए जरूरी सामान हों
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खाना पकाने के लिए जरूरी सामग्री जैसे एलपीजी गैस, बर्तन और खाद्य सामग्री भी दी जाए. ताकि गर्म एवं ताजा पौष्टिक आहार बच्चों को उपलब्ध कराया जा सके. उन्होंने कहा कि जहां कहीं अक्षय पात्र संस्थाएं हैं, वहां पर उनकी सेवाएं ली जा सकती हैं.

निर्माण क्षेत्र की श्रमिक महिलाओं की नियमित हो जांच
राज्यपाल ने कहा कि निर्माण क्षेत्र में जो श्रमिक महिलाएं कार्य कर रही हैं, उनकी भी नियमित जांच की व्यवस्था होनी चाहिए, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमियां की शिकार हैं. ऐसी गर्भवती महिलाओं से जो बच्चे पैदा होते हैं, वे जन्म से ही कुपोषण के शिकार हो जाते हैं. अतः हमें जच्चा एवं बच्चा दोनों के उचित पोषण पर गंभीतापूर्वक ध्यान देना है. इस कार्य के लिये हमें अपने आंगनबाड़ी केन्द्रों को मजबूती देने के साथ-साथ उन्हें आवश्यक संसाधन देने ही होंगे. ये कार्य हमें अच्छी सोच के साथ करने हैं.

हर क्षेत्र में आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र हों
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि हमें हर क्षेत्र में आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र बनाना चाहिए. साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर फल व सब्जी वाटिका को भी प्राथमिकता से तैयार करें, इससे जैविक सब्जियां प्राप्त होंगी. साथ ही इससे पौष्टिक आहार भी मिलेगा. राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर गुड़, चना भी वितरित करने का सुझाव सम्बन्धितों को दिया. उन्होंने कहा कि उचित होगा कि पोषाहार वितरण के समय ग्रामीणों की जनसहभागिता के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहें.

उन्नाव-फतेहपुर में पोषण निर्माण यूनिटों की स्थापना हुई
निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि वर्तमान में 18 जनपदों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पोषण वितरण का कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के उन्नाव और फतेहपुर में पोषण निर्माण यूनिटों की स्थापना की जा चुकी है और उत्पादन शुरू हो गया है. अन्य जिलों में कार्य प्रगति पर है.

प्रदेश में 1,89,204 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 1 लाख 89 हजार 204 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिसमें से 66 प्रतिशत केन्द्र में बिजली, 91.4 प्रतिशत केन्द्रों में स्वच्छ शौचालय और 95.6 प्रतिशत केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि अब आगनबाड़ी केन्द्रों पर फस्ट एण्ड बाक्स, दर्पण, वजन मापक यंत्र की सुविधा, साथ-साथ आंगनबाड़ी केन्द्र पर बाल पेंटिंग भी कराई जा रही है. ताकि केंद्रों को वाराणसी के सेवापुरी माॅडल के अनुसार विकसित एवं सुसज्जित बनाया जा सके. इस अवसर पर बाल विकास पुष्टाहार मंत्री स्वाती सिंह, अपर मुख्य सचिव बाल विकास राधा एस चौहान सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद थे.

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