लखनऊ : राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कोविड-19 वारियर्स अवार्ड से 20 लोगों को सम्मानित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विपत्ति के समय प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह मदद के लिए आगे आएं. हर जगह सरकार नहीं पहुंच सकती. ये कार्य समाजसेवी संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा जनप्रतिनिधियों सभी का है.
'समाज होता है सरकार के हाथ-पैर'
राज्यपाल ने कहा कि सरकार का हाथ-पैर समाज होता है. हमारे देश की आबादी 130 करोड़ से अधिक है, फिर भी भारत में अन्य देशों की तुलना में कोरोना के कम मामले आए. हमारे प्रदेश में 24 करोड़ की आबादी और संसाधन कम होने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सुनियोजित तरीके से कोरोना बीमारी को रोकने का जो प्रयास किया गया, वह सराहनीय है. बीमारी के शुरूआती दिनों में हमारे पास चिकित्सा सुविधाएं नहीं थी, किन्तु प्रदेश सरकार ने इस दिशा में बहुत तेजी से कार्य किया और आज हमारे पास सुसज्जित अस्पतालों के साथ-साथ कोविड-19 के परीक्षण की सुविधाएं भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.
राज्यपाल ने की कोरोना वॉरियर्स की तारीफ
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कोरोना वॉरियर्स की तारीफ करते हुए कहा कि आपत्ति को अवसर में बदलने के प्रयास होने चाहिए. उन्होंने कच्छ में आए भूकम्प त्रासदी की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय आई भीषण त्रासदी के समय हम कुछ नहीं कर सके और भीषण जनहानि हुई, लेकिन हमने धैर्य एवं साहस से काम लिया और सुनियोजित विकास का प्रयास किया. आज कच्छ पहले से भी सुरक्षित और खूबसूरत शहरों में से एक है.
'सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए'
राज्यपाल ने कहा कि हमें सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. जहां कहीं कुपोषित बच्चे हैं, उन्हें गोद लेकर उनकी स्वास्थ्य एवं खान-पान की व्यवस्था हेतु स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी-संगठनों को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें भारत को टीबी मुक्त करना है. टीबी से ग्रसित अधिक से अधिक बच्चों को गोद लें और उनके लिए उचित चिकित्सा, पौष्टिक आहार की व्यवस्था भी करें. यह कार्य किसी एक व्यक्ति का नहीं है. सामूहिक प्रयास, सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास से ही हम अपने प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना सकते हैं.