लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर कड़े प्रतिबंध लगा सकती है. इसी कड़ी में सरकार की सख्ती के बाद राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में शनिवार को एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम से बिक रहे उत्पादों के मामले में सीएम ने संज्ञान लिया है. कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इसी क्रम में एफआईआर भी दर्ज की गई है.
सरकार से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े उत्पादों को उत्तर प्रदेश में बैन किए जाने की भी पूरी तैयारी की गई है. उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर गोरखधंधा चलाया जा रहा है और तमाम उत्पादों पर हलाल सर्टिफिकेट लगाकर बेचा जा रहा है. तमाम उत्पादों में डेयरी प्रोडक्ट चीनी, नमकीन, मसाले, साबुन, कपड़ा को भी हलाल सर्टिफाइड किया जा रहा है. इस पूरे मामले का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में संज्ञान लिया है और इस पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है.
हलाल उत्पादों को लेकर एफआईआर में गम्भीर आरोप |
|
|
|
|
|
|
दरअसल हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों में फूड कॉस्मेटिक और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के लिए किया जाता है और यह एक तरह से यह गारंटी देता है कि इस प्रोडक्ट को इस्लामी कानून के नियमों के अंतर्गत बनाया गया है. इसका उपयोग ग्राहक को यह बताने के लिए किया जाता है इसमें कोई भी निषिद्ध पदार्थ (मांस आदि) शामिल नहीं है. उत्पादन में किसी भी तरह से अशुद्ध माने जाने वाले किसी भी पदार्थ या वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया है. सवाल यह है कि जिन प्रोडक्ट में मांस आदि शामिल ही नहीं किया जा सकता है तो फिर हलाल सर्टिफिकेट की आवश्यकता क्या है. वहीं सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में हलाल शब्द लिखे हुए उत्पादों को बैन किया जाएगा.
एफआईआर दर्ज : हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर FIR दर्ज की गई है. सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र शर्मा की शिकायत पर हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया गया है. हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई जैसी हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. कंपनियों पर आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 केस दर्ज किया गया है.
हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य पदार्थों के निर्माण, बिक्री पर प्रतिबंध : राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र शर्मा की तरफ से शिकायत दर्ज कराई थी. इस पूरे मामले में तमाम शिकायतों के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री का संज्ञान लिया. इसके बाद अब खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने ऐसे खाद्य उत्पादों की बिक्री, निर्माण, भंडारण आदि पर तत्काल प्रभाव से संपूर्ण यूपी और प्रदेश की सीमा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.
मौलाना सुफियान निजामी बोले- यह मुल्क की इकॉनमी और मुसलमान के लिए बेहतर नहीं : दारुल उलूम फिरंगी महली के प्रवक्ता सुफियान निजामी का कहना है कि इस्लाम सिर्फ इबादत या अकीदत का नाम नहीं है, हमें क्या कहना है, हमें क्या इस्तेमाल करना है, यह तमाम चीजें इस्लाम के दायरे में होनी चाहिए. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि जो गोश्त (मीट) हम खाते हैं, हराम है या हलाल है, या जो चीज हम इस्तेमाल कर रहे हैं, वह हलाल है या हराम है. उलेमा हलाल सर्टिफिकेट देते हैं कि मुसलमान को क्या चीज खानी है और क्या इस्तेमाल करना है. बहुत सी जगह ऐसी है जहां पोर्क इस्तेमाल होता है. इसलिए हमें यह सब देखना है कि क्या मजहबी नजर से यह हराम है या हलाल है. पाबंदी से बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट में और इकॉनमी में नुकसान होगा. यह मुसलमान के लिए बेहतर नहीं है.
यह भी पढ़ें : मामाअर्थ की लिस्टिंग ने किया निवेशकों को निराश, महज 1.85 फीसदी की दर्ज हुई बढ़ोत्तरी