लखनऊ : सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के लिए एक नहीं बल्कि कई योजनाएं चलती हैं, लेकिन इसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है कि इसका लाभ कैसे लिया जाए. राजधानी के सरकारी अस्पताल में सरकार की तरफ से जो योजनाएं चल रही हैं उनमें जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना, परिवार नियोजन योजना, मातृत्व वंदना योजना, कन्या सुमंगला योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना शामिल है. जिसमें गर्भवती महिला सहित उनके नवजात शिशु को भी इस योजना का लाभ मिलता है. यदि किसी गर्भवती महिला को बेटी होती है तो सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना के तहत पैदा होने से लेकर पढ़ाई करने तक का खर्चा सरकार देती है.
सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाए हैं. जिसका लाभ बड़े पैमाने पर देश व प्रदेश की महिलाओं को मिल रहा है. सरकार का उद्देश है कि महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े. आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है, ऐसे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत बेटियों के लिए कई योजनाएं चलती है, बशर्ते उन्हें इस बात की जानकारी होना जरूरी है.
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ रंजना खरे ने बताया कि हमारे यहां पर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना चल रही है. इस योजना का उद्देश्य है कि जननी और उसके बच्चे की देखभाल करना. जिसके लिए सरकार उनको 6,000 रूपये की आर्थिक सहायता देती है. ये रुपये सरकार 3 चरणों में देती है. इस योजना के पहले चरण में 1000 रूपये, दूसरे चरण में 2000 रूपये और तीसरे चरण में 2000 रूपये गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है. बाकी के 1000 रूपये सरकार तब देती है जब कोई गर्भवती महिला किसी सरकारी अस्पताल में शिशु को जन्म देती है.
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
इस योजना के तहत 100 फ़ीसदी तक अस्पतालों और प्रशिक्षित नर्सों की निगरानी में महिलाओं के प्रसव को किया जाता है ताकि प्रसव के दौरान मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा सके. सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सम्मान योजना की शुरुआत 10 अक्टूबर 2019 को की गई थी. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा के लिए निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है.
कन्या सुमंगला योजना
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ रंजना खरे ने बताया कि हमारे यहां अस्पताल में कन्या सुमंगला योजना का लाभ भी गर्भवती महिलाओं को मिलता है. इस योजना के तहत जो धनराशि होती है, वह किस्तों में आती है पहली राशि तब आती है जब बच्ची जन्म लेती हैं. दूसरी राशि कन्या के टीकाकरण के लिए दी जाती है. कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर तीन हजार की राशि कन्या के खाते में डाले जाते हैं. लड़की जब कक्षा आठ में प्रवेश लेती है तो उसे 5 हजार रूपये प्रदान किए जाते हैं. डिग्री या कम से कम 2 वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लेने पर कन्या के खाते में पांच हजार की धनराशि दी जाती है. यह स्कीम सरकार ने 25 अक्टूबर 2019 को लागू की गई थी. इसका उद्देश्य मात्र इतना है कि प्रदेश की बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करना और उनके भविष्य को उज्जवल बनाना.
जननी शिशु सुरक्षा योजना
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 1 जून 2011 को गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की. इस योजना के अंतर्गत मुक्त सेवा प्रदान करने पर जोर दिया गया है. इसमें गर्भवती महिलाओं तथा नवजात शिशुओं को खर्चों से मुक्त रखा गया है. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को किसी अस्पताल में प्रसव कराने के लिए या प्रसव कराने के बाद 1 महीने तक का खर्चा देने की आवश्यकता नहीं होती है, अगर कोई महिला इस योजना से जुड़ी है तो उसे सारी सुख सुविधाएं सरकार के द्वारा प्राप्त होगी.
कैसे जुड़े इन योजनाओं से
वीरांगना झलकारी बाई अस्पताल की सीएमएस डॉ रंजना खरे ने बताया कि गर्भवती महिलाएं इन सभी योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकती हैं. बस इसके बारे में उन्हें जानकारी होना बहुत जरूरी है. इन योजना से जुड़ने के लिए हमारे अस्पताल में सरकारी योजना का एक सेंटर बनाया गया है. जहां पर सभी योजनाओं के फॉर्म मिलते हैं. इसमें गर्भवती महिला का नाम-पता, खाता नंबर और आधार कार्ड लगता है. इसमें बहुत ज्यादा मेहनत नहीं होती है. फॉर्म के साथ मांगे गए दस्तावेज लगाकर अस्पताल में ही देना होता है. कुछ समय के बाद जब दस्तावेज वेरीफाई हो जाते हैं, उसके बाद गर्भवती महिला को उस योजना का लाभ मिलने लगता है.
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