लखनऊ: शिक्षा विभाग ने 16 हजार प्राथमिक विद्यालयों का जूनियर हाईस्कूलों में विलय कर दिया है. इससे प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा में 8000 हेडमास्टर पद खत्म हो जाएंगे. प्राथमिक शिक्षक संघ इसके विरोध में उतर आया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक शिक्षा के ऐसे 16 हजार स्कूलों का अस्तित्व ही खत्म कर दिया है जो किसी जूनियर हाईस्कूल के परिसर से संचालित हो रहे थे अथवा विद्यालय जूनियर हाईस्कूल के पास स्थित हैं. सरकार का मानना है कि इससे उसने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का संकट दूर किया है. उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती सीधे तौर पर नहीं की जाती है. ऐसे विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा के अनुभवी और योग्य शिक्षकों को पदोन्नत किया जाता है. न्यायालय में मामला विचाराधीन होने की वजह से उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया रुकी हुई है. इस वजह से सरकार ने ऐसे प्राथमिक विद्यालयों का विलय किया है जो जूनियर हाईस्कूल के साथ संचालित हो रहे हैं.
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प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ कर रहा विरोध
सरकार के इस फैसले का विरोध उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ खुलकर कर रहा है. संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने जूनियर हाईस्कूल में शिक्षकों की कमी का बहाना बनाकर प्राथमिक विद्यालयों का विलय किया है तो इससे शिक्षकों की कमी कैसे पूरी हो जाएगी, क्योंकि प्राथमिक शिक्षा के जो शिक्षक प्रमोशन पाने के योग्य नहीं है वह बच्चों को शिक्षा कैसे देंगे.