ETV Bharat / state

सरकारी जमीन पर मुख्तार अंसारी के परिवार ने फिर से किया कब्जा, पिछले साल LDA ने ढहाई थी बिल्डिंगें - मुख्तारी अंसारी खबर

राजधानी लखनऊ स्थित डालीबाग में सरकारी जमीन को राज्य सरकार वापस अपने कब्जे में नहीं ले सकी है. इस भूमि से मुख्तार के परिवार के नाम दर्ज 2 अवैध निर्माण एलडीए ने पिछले साल ढहाए थे. जमीन खाली होने के बाद मुख्तार के परिवार ने वापस इस जमीन पर कब्जा कर लिया है और यहां दीवार बनाकर गेट लगा दिया है.

मुख्तार अंसारी
मुख्तार अंसारी
author img

By

Published : Sep 30, 2021, 4:12 PM IST

Updated : Sep 30, 2021, 4:31 PM IST

लखनऊ: डालीबाग में सरकारी जमीन को राज्य सरकार वापस अपने कब्जे में नहीं ले सकी है. इस भूमि से मुख्तार के परिवार के नाम दर्ज 2 अवैध निर्माण एलडीए ने पिछले साल ढहाए थे. जमीन खाली होने के बाद मुख्तार के परिवार ने वापस इस जमीन पर कब्जा कर लिया है. यहां दीवार बनाकर गेट लगा दिया गया है. पिछले साल एलडीए और प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे की बिल्डिंग को ढहा दिया था. इसी प्रकरण में मुख्तार और उसके दो बेटों पर एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसको खारिज करने से कोर्ट ने बुधवार को इनकार भी किया है.

जियामऊ इलाके में शत्रु संपत्ति यानी निष्क्रांत संपत्ति पर मुख्तार ने अवैध कब्जा किया था. सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के आरोप में अंसारी और उनके बेटे उमर और अब्बास अंसारी पर आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हजरतगंज कोतवाली में यह कार्रवाई जियामऊ के प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल की शिकायत पर की गई थी.

जानकारी देते संवाददाता.
तहरीर में लिखा गया है कि जिस भूमि पर मुख्तार अंसारी और उनके बेटों का कब्जा था. वह मोहम्मद वसीम के नाम दर्ज थी, लेकिन वसीम के पाकिस्तान चले जाने के बाद यह संपत्ति निष्क्रांत संपत्ति (शत्रु संपत्ति) के रुप में दर्ज हो गई, लेकिन दस्तावेजों को तैयार कर इस पर कब्जा कर लिया गया.ढहा दी गई थी इस जमीन पर बिल्डिंगें

मुख्तार अंसारी ने जियामऊ इलाके में निष्क्रांत जमीन पर अवैध कब्जा कर 2 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण करा लिया था. ये दोनों बिल्डिंग पहले मुख्तार की मां के नाम पर थीं. गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी. मूलतः यह निष्क्रांत संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की है. इसमें बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई थी. प्रशासन बिल्डिंग के तोड़ने का खर्चा, अब तक का किराया भी वसूला था. इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रहे तत्कालीन अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की भी बात की जा रही थी.

मुख्तार के परिवार ने फिर किया कब्जा

गाटा संख्या 93 की यह भूमि है. जिसके ठीक सटा हुआ मुख्तार के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी का मकान है. यहां पर एक मस्जिद भी है. इस जमीन पर प्रशासन के कब्जे की जगह माफिया के परिवार का कब्जा हो गया है. यहां दीवार बनाई गई है. इसके अलावा एक दरवाजा लगाया गया है. मुख्तार का परिवार इसका उपयोग अपनी सुविधा के हिसाब से कर रहा है. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने इस बात अचरज जाहिर करते हुए कहा कि कब्जा किया जाना गैरकानूनी है. तहसील की टीम जांच करेगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढे़ं- मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी बोले-भाजपा की तानाशाह सरकार को उखाड़ फेंकने के मूड में जनता

लखनऊ: डालीबाग में सरकारी जमीन को राज्य सरकार वापस अपने कब्जे में नहीं ले सकी है. इस भूमि से मुख्तार के परिवार के नाम दर्ज 2 अवैध निर्माण एलडीए ने पिछले साल ढहाए थे. जमीन खाली होने के बाद मुख्तार के परिवार ने वापस इस जमीन पर कब्जा कर लिया है. यहां दीवार बनाकर गेट लगा दिया गया है. पिछले साल एलडीए और प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे की बिल्डिंग को ढहा दिया था. इसी प्रकरण में मुख्तार और उसके दो बेटों पर एफआईआर दर्ज हुई थी, जिसको खारिज करने से कोर्ट ने बुधवार को इनकार भी किया है.

जियामऊ इलाके में शत्रु संपत्ति यानी निष्क्रांत संपत्ति पर मुख्तार ने अवैध कब्जा किया था. सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के आरोप में अंसारी और उनके बेटे उमर और अब्बास अंसारी पर आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था. हजरतगंज कोतवाली में यह कार्रवाई जियामऊ के प्रभारी लेखपाल सुरजन लाल की शिकायत पर की गई थी.

जानकारी देते संवाददाता.
तहरीर में लिखा गया है कि जिस भूमि पर मुख्तार अंसारी और उनके बेटों का कब्जा था. वह मोहम्मद वसीम के नाम दर्ज थी, लेकिन वसीम के पाकिस्तान चले जाने के बाद यह संपत्ति निष्क्रांत संपत्ति (शत्रु संपत्ति) के रुप में दर्ज हो गई, लेकिन दस्तावेजों को तैयार कर इस पर कब्जा कर लिया गया.ढहा दी गई थी इस जमीन पर बिल्डिंगें

मुख्तार अंसारी ने जियामऊ इलाके में निष्क्रांत जमीन पर अवैध कब्जा कर 2 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण करा लिया था. ये दोनों बिल्डिंग पहले मुख्तार की मां के नाम पर थीं. गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी. मूलतः यह निष्क्रांत संपत्ति यानी 1956 से पहले पाकिस्तान गए लोगों की है. इसमें बार-बार चेतावनी देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर इसे तोड़ने की कार्रवाई की गई थी. प्रशासन बिल्डिंग के तोड़ने का खर्चा, अब तक का किराया भी वसूला था. इस निर्माण के लिए जिम्मेदार रहे तत्कालीन अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की भी बात की जा रही थी.

मुख्तार के परिवार ने फिर किया कब्जा

गाटा संख्या 93 की यह भूमि है. जिसके ठीक सटा हुआ मुख्तार के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी का मकान है. यहां पर एक मस्जिद भी है. इस जमीन पर प्रशासन के कब्जे की जगह माफिया के परिवार का कब्जा हो गया है. यहां दीवार बनाई गई है. इसके अलावा एक दरवाजा लगाया गया है. मुख्तार का परिवार इसका उपयोग अपनी सुविधा के हिसाब से कर रहा है. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने इस बात अचरज जाहिर करते हुए कहा कि कब्जा किया जाना गैरकानूनी है. तहसील की टीम जांच करेगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढे़ं- मुख्तार के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी बोले-भाजपा की तानाशाह सरकार को उखाड़ फेंकने के मूड में जनता

Last Updated : Sep 30, 2021, 4:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.